×

भारतीय वायुसेना को मिला तेजस Mk1A का तोहफा, MiG-21 का युग समाप्त

भारतीय वायुसेना ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसमें MiG-21 विमानों को विदाई देते हुए 97 तेजस Mk1A विमानों की खरीद को मंजूरी दी गई है। यह कदम न केवल वायुसेना के आधुनिकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। तेजस Mk1A की उन्नत तकनीक और क्षमताएँ इसे एक गेम-चेंजर बनाती हैं। जानें इस सौदे के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में।
 

भारतीय वायुसेना का ऐतिहासिक दिन

भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए आज का दिन विशेष महत्व रखता है। एक ओर, वायुसेना अपने 60 साल पुराने MiG-21 लड़ाकू विमानों के अंतिम स्क्वाड्रन को विदाई देने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर, रक्षा मंत्रालय ने उसे 65,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 उन्नत तेजस मार्क-1A (Tejas Mk1A) विमानों की खरीद की मंजूरी दी है। यह निर्णय भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर भारत की नीति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यह दर्शाता है कि भारत अब अपनी रक्षा आवश्यकताओं के लिए किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं रहेगा।


MiG-21 का विदाई का महत्व

सोवियत संघ के समय के MiG-21 विमानों ने भारतीय वायुसेना की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन अब उनकी तकनीक पुरानी हो चुकी है और सुरक्षा रिकॉर्ड भी खराब हो गया है। इन विमानों को "उड़ता ताबूत" और "विधवा बनाने वाला" जैसे नामों से जाना जाता था। वायुसेना लंबे समय से इन विमानों को बदलने की योजना बना रही थी, और अब तेजस Mk1A के रूप में एक सुरक्षित और शक्तिशाली विकल्प उपलब्ध है।


तेजस Mk1A की विशेषताएँ

तेजस Mk1A कोई साधारण विमान नहीं है। यह 4.5 पीढ़ी का सबसे उन्नत संस्करण है, जिसमें कई आधुनिक तकनीकें शामिल हैं:
  • AESA रडार: यह दुश्मन के विमानों को दूर से पहचानने में सक्षम है।
  • इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट: यह दुश्मन के रडार को जाम कर सकता है।
  • BVR मिसाइलें: यह उन विमानों को भी मार गिराने में सक्षम है जो दृष्टि से बाहर हैं।
  • हल्का और फुर्तीला: यह दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू विमानों में से एक है।
इस सौदे के साथ, HAL द्वारा निर्मित तेजस Mk1A विमानों की कुल संख्या 180 हो जाएगी।


भारतीय वायुसेना के लिए एक गेम-चेंजर

यह सौदा भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। यह वायुसेना के घटते स्क्वाड्रन की समस्या को हल करने में मदद करेगा और युद्ध क्षमता को कई गुना बढ़ाएगा। इसके अलावा, यह भारत के स्वदेशी रक्षा उद्योग को भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और भारत एक प्रमुख रक्षा निर्यातक बनने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंचेगा। MiG-21 का युग समाप्त हो रहा है और तेजस Mk1A के साथ भारतीय वायुसेना एक नए, आत्मनिर्भर भविष्य की ओर बढ़ रही है।