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भारतीय शेयर बाजार गुरु नानक जयंती पर रहेगा बंद

गुरु नानक जयंती के अवसर पर भारतीय शेयर बाजार बुधवार को बंद रहेगा। इस दिन इक्विटी और डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेडिंग नहीं होगी, जबकि कमोडिटी डेरिवेटिव्स शाम के समय खुलेंगे। पिछले कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई थी। जानें इस बारे में और अधिक जानकारी और विशेषज्ञों की राय।
 

शेयर बाजार की बंदी की जानकारी

मुंबई: गुरु नानक जयंती के अवसर पर बुधवार को भारतीय शेयर बाजार बंद रहेगा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस दिन इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव और एसएलबी सेगमेंट में ट्रेडिंग नहीं होगी। इसके साथ ही, करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स में भी कोई ट्रेडिंग नहीं होगी।


कमोडिटी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग का समय

हालांकि, कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट के लिए ट्रेडिंग सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक के मॉर्निंग सेशन में बंद रहेगी, लेकिन यह शाम 5 बजे से रात 11:30/11:55 बजे तक के इवनिंग सेशन के लिए खुला रहेगा। इस सप्ताह के लिए एनएसई और बीएससी पर कारोबार गुरुवार, 6 नवंबर से फिर से शुरू होगा।


पिछले कारोबारी दिन का हाल

मंगलवार के कारोबारी दिन की बात करें तो सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट आई थी। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 519.34 अंक या 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,459.15 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 165.70 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25,597.65 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक भी 250.20 अंक या 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,827.05 पर बंद हुआ।


सेक्टरों में गिरावट

निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 250.20 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के बाद 60,037.20 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 152.50 अंक या 0.82 प्रतिशत की गिरावट के बाद 18,360.90 पर बंद हुआ। सेक्टोरल आधार पर निफ्टी ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल और रियल्टी सभी इंडेक्स नुकसान में बंद हुए।


मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत के मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स मजबूत बने हुए हैं, जो आर्थिक गति का संकेत देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, "भारत के मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और बेहतरीन जीएसटी कलेक्शन शामिल हैं। यह लगातार आर्थिक गति को दर्शाता है और आने वाली तिमाहियों में कमाई में बढ़ोतरी का समर्थन करेगा। हमें उम्मीद है कि निवेशक आगे चलकर ट्रेंड में सुधार की उम्मीद में 'बाय ऑन डिप्स' की रणनीति अपनाते रहेंगे।"