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भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी में भारी कमी आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद बाजार में गिरावट देखी गई। इसके साथ ही, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आई है। जानें इस गिरावट के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट


शुक्रवार को सेंसेक्स 733.22 और निफ्टी 236.15 अंक गिरा


भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला पिछले शुक्रवार से जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा एच1 बी वीजा से संबंधित नई नीति की घोषणा के बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इस घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। इसके साथ ही अन्य भारतीय निर्यात पर भी नए टैरिफ का नकारात्मक प्रभाव पड़ा।


सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का आंकड़ा

बीएसई सेंसेक्स, जिसमें 30 शेयर शामिल हैं, 733.22 अंक या 0.90 प्रतिशत गिरकर 80,426.46 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 827.27 अंक या 1 प्रतिशत गिरकर 80,332.41 पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी, जिसमें 50 शेयर हैं, 236.15 अंक या 0.95 प्रतिशत गिरकर 24,654.70 पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे बढ़कर 88.72 (अनंतिम) पर बंद हुआ। 19 सितंबर से सूचकांक में गिरावट का दौर जारी है, जिसमें लगातार छह सत्रों में 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।


ट्रंप द्वारा नए टैरिफ की घोषणा

डोनाल्ड ट्रंप ने दवाइयों पर 100 प्रतिशत, किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50 प्रतिशत, फर्नीचर पर 30 प्रतिशत और भारी ट्रकों पर 25 प्रतिशत आयात कर लगाने की घोषणा की। ये नए टैरिफ 1 अक्टूबर, 2025 से लागू होंगे। इस घोषणा के बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट आई। फार्मास्यूटिकल दवाओं पर 100 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ लगाने के कारण अधिकांश फार्मा शेयरों में गिरावट आई, जिससे बीएसई हेल्थकेयर सूचकांक 2.14 प्रतिशत नीचे आ गया।


भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

पिछले एक सप्ताह से भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली हो रही है। इस बिकवाली का मुख्य कारण अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए जा रहे प्रतिबंध बताए जा रहे हैं। शेयर बाजार में गिरावट का असर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ा है। यह पिछले तीन सप्ताह की वृद्धि के बाद 19 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 39.6 करोड़ डॉलर घटकर 702.57 अरब डॉलर रह गया।


नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक, विदेशी मुद्रा आस्तियां 86.4 करोड़ डॉलर घटकर 586.15 अरब डॉलर हो गईं। विदेशी मुद्रा आस्तियों में डॉलर के मुकाबले यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं के उतार-चढ़ाव का भी असर होता है। दूसरी ओर, भारत का स्वर्ण भंडार 36 करोड़ डॉलर बढ़कर 92.779 अरब डॉलर हो गया।