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भारतीय शेयर बाजार में तेजी, बैंकिंग शेयरों में बढ़त

भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को सकारात्मक रुख के साथ शुरुआत की, जिसमें प्रमुख बैंकिंग शेयरों में वृद्धि देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी में भी बढ़त दर्ज की गई। जानें किस सेक्टर में क्या हुआ और निवेशकों की राय क्या है।
 

शेयर बाजार की शुरुआत

मुंबई: भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को सकारात्मक रुख के साथ शुरुआत की, जिसमें प्रमुख बैंकिंग शेयर जैसे आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक में वृद्धि देखी गई।


सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन

सुबह 9:23 बजे, सेंसेक्स 152 अंक या 0.19 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 82,359 पर और निफ्टी 38 अंक या 0.15 प्रतिशत बढ़कर 25,129 पर पहुंच गया।


बैंकिंग शेयरों की भूमिका

बैंकिंग शेयरों ने बाजार में मजबूती बनाए रखी, निफ्टी बैंक में 0.30 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।


मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी खरीदारी का माहौल रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 45 अंक या 0.08 प्रतिशत बढ़कर 59,514 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 80 अंक या 0.42 प्रतिशत बढ़कर 19,038 पर पहुंच गया।


सेक्टोरल प्रदर्शन

सेक्टोरल आधार पर, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, मीडिया, एनर्जी और निजी बैंक हरे निशान में रहे, जबकि फार्मा, आईटी, ऑटो और एफएमसीजी में दबाव देखा गया।


टॉप गेनर्स और लूजर्स

सेंसेक्स में इटरनल, ट्रेंट, टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, बीईएल, एचसीएल टेक, एनटीपीसी और एसबीआई टॉप गेनर्स रहे। वहीं, टाटा मोटर्स, बजाज फिनसर्व, सन फार्मा, एमएंडएम, भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, एलएंडटी, एचयूएल और एशियन पेंट्स टॉप लूजर्स में शामिल थे।


विश्लेषकों की राय

चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के मंदार भोजने ने कहा, "कल निफ्टी 50 ने अपने इंट्राडे लो 24,900 से मजबूत रिबाउंड किया, जिससे लगभग 225 अंक बढ़कर 25,000 अंक के ऊपर बंद हुआ, जो एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण करता है।" उन्होंने यह भी बताया कि यदि निफ्टी 25,150 के स्तर को पार करता है, तो यह 25,250 की ओर बढ़ सकता है।


एशियाई बाजारों का रुख

अधिकांश एशियाई बाजार सीमित दायरे में रहे। टोक्यो और सियोल में गिरावट देखी गई, जबकि शंघाई, हांगकांग और जकार्ता में वृद्धि हुई। अमेरिकी बाजार भी मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए।


विदेशी और घरेलू निवेशक

21 जुलाई को, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार तीसरे सत्र में शुद्ध विक्रेता रहे, जिन्होंने 1,681 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) ने 3,578 करोड़ रुपए का निवेश किया।