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भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवादियों के नए ठिकाने खैबर पख्तूनख्वा में

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसके तहत पीओके में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस कार्रवाई के बाद, आतंकवादी समूहों ने खैबर पख्तूनख्वा को सुरक्षित ठिकाना मान लिया है। रिपोर्टों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठन अब इस क्षेत्र में सक्रिय हो रहे हैं। जानें इस ऑपरेशन के प्रभाव और आतंकवादियों के नए ठिकानों के बारे में।
 

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर का संचालन किया। इस अभियान के तहत, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया। इस हमले के परिणामस्वरूप, आतंकवादी समूहों को पीओके में अपने ठिकानों की सुरक्षा में कठिनाई का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें नए सुरक्षित स्थानों की तलाश करनी पड़ी।


खैबर पख्तूनख्वा: आतंकियों का नया सुरक्षित ठिकाना

खैबर पख्तूनख्वा आतंकियों का नया अड्डा


रिपोर्टों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन अब खैबर पख्तूनख्वा प्रांत को पीओके की तुलना में अधिक सुरक्षित मानते हैं। उनका मानना है कि भारतीय हमलों के दृष्टिकोण से पीओके अब असुरक्षित हो गया है, जबकि खैबर पख्तूनख्वा अपने भूगोल और अफगान सीमा के निकटता के कारण सुरक्षित है।


आतंकवादी समूहों ने इस स्थानांतरण के दौरान पाकिस्तान की सुरक्षा संरचनाओं का गहन अध्ययन किया। रिपोर्ट्स में यह भी उल्लेख किया गया है कि खैबर पख्तूनख्वा में जैश-ए-मोहम्मद के कार्यक्रम और जेयूआई जैसी राजनीतिक-धार्मिक संस्थाओं की भागीदारी इसे और अधिक संगठित बनाती है।


आतंकवाद का विस्तार खैबर पख्तूनख्वा में

खैबर पख्तूनख्वा में आतंक का विस्तार


मनसेहरा जिले के गढ़ी हबीबुल्लाह शहर में 14 सितंबर 2025 को जैश ने एक सार्वजनिक भर्ती अभियान चलाया। यह कार्यक्रम भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच से कुछ घंटे पहले आयोजित किया गया था। इस सभा में एम4 राइफलों से लैस कैडरों के बीच स्थानीय पुलिस की सुरक्षा में आयोजन हुआ। कार्यक्रम में जैश और जेयूआई के संयुक्त नेतृत्व के तहत संगठनात्मक पुनर्गठन की कोशिशें की गईं।


मुलाना मुफ्ती का भाषण

मुलाना मुफ्ती का भाषण


जैश का प्रमुख, मुलाना मुफ्ती इलियास कश्मीरी, इस सभा में उपस्थित थे। उन्होंने ओसामा बिन लादेन का महिमामंडन करते हुए उसे शहीद-ए-इस्लाम और 'अरब का राजकुमार' बताया। उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बताते हुए कंधार प्लेन हाईजैक और मसूद अजहर के बालाकोट मुख्यालय का उदाहरण दिया।


मुलाना मुफ्ती ने 7 मई को जैश-ए-मोहम्मद के मरकज़ सुभानअल्लाह पर हुए भारतीय हमले का भी उल्लेख किया, जिसमें मसूद अजहर के परिवार के सदस्य मारे गए थे। उन्होंने कहा कि इस घटना ने आतंकवादी कमांडरों को सक्रिय किया और पाकिस्तानी वायुसेना ने मृत आतंकियों को सलामी देकर सुरक्षा प्रदान की।


ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव

भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर


ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि आतंकवादियों के पीओके से खैबर पख्तूनख्वा की ओर पलायन की प्रक्रिया को भी तेज किया। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को अस्थिर कर दिया और उनके पुनर्गठन को चुनौती दी।