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भारतीय सेना का नया इनोवेशन: 'विद्युत रक्षक' से बढ़ी सुरक्षा और क्षमता

भारतीय सेना ने 'विद्युत रक्षक' नामक एक स्मार्ट नियंत्रण प्रणाली विकसित की है, जो विद्युत संसाधनों को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से संचालित करने में मदद करती है। यह उपकरण दुर्गम क्षेत्रों में बिजली प्रबंधन की चुनौतियों का सामना करने में सहायक है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने की सलाह दी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि तकनीकी नवाचार के साथ-साथ सुरक्षा चुनौतियों को भी गंभीरता से लिया जा रहा है। जानें इस उपकरण के महत्व और इसके संभावित उपयोग के बारे में।
 

भारतीय सेना की तकनीकी उपलब्धि


भारतीय सेना का नवाचार: भारतीय सेना ने एक बार फिर साबित किया है कि वह केवल सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में भी पूरी तरह सक्षम है। मेजर राजप्रसाद आरएस द्वारा विकसित किया गया अत्याधुनिक उपकरण 'विद्युत रक्षक' अब देश की सैन्य क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है। इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और इसे औपचारिक रूप से पेटेंट भी मिल चुका है।


'विद्युत रक्षक' की विशेषताएँ

क्या है 'विद्युत रक्षक'?
'विद्युत रक्षक' एक स्मार्ट नियंत्रण प्रणाली है, जो सेना के विद्युत संसाधनों को अधिक प्रभावी और सुरक्षित तरीके से संचालित करने में मदद करती है। यह उपकरण किसी भी प्रकार के जनरेटर या बिजली प्रणाली के साथ काम कर सकता है, चाहे वह नया हो या पुराना। यह सिस्टम बिजली की निगरानी, सुरक्षा और नियंत्रण का कार्य करता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मैनपावर की आवश्यकता को कम करता है और फील्ड में तैनात सैनिकों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।


दुर्गम क्षेत्रों में सेना की मजबूती

दुर्गम इलाकों में सेना की बढ़ी ताकत
'विद्युत रक्षक' का उपयोग विशेष रूप से उन क्षेत्रों में किया जा रहा है, जहां बिजली प्रबंधन एक चुनौती है, जैसे जम्मू-कश्मीर के ऊँचे और दूरदराज के इलाके। वहां के कठोर मौसम और सीमित संसाधनों के बीच, यह उपकरण एक महत्वपूर्ण तकनीक बनकर उभरा है। हाल ही में, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने श्रीनगर में तैनात जनरेटरों को इस डिवाइस की सहायता से दूर से चालू कर उनकी कार्यक्षमता की जांच की। यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि बिजली की आपूर्ति कभी बाधित न हो, जिससे सैनिक बिना किसी रुकावट के अपने कार्य कर सकें।


राष्ट्रीय सुरक्षा में तकनीक का योगदान

तकनीक और राष्ट्रीय सुरक्षा का संगम
'विद्युत रक्षक' को एयरो इंडिया 2023 और भारत शक्ति जैसे प्रमुख रक्षा कार्यक्रमों में प्रदर्शित किया गया है, जो दर्शाता है कि यह नवाचार न केवल सैन्य, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह डिवाइस भारतीय सेना की 'टेक्नोलॉजी एब्जॉर्प्शन ईयर' योजना का हिस्सा है, जो सेना में स्वदेशी तकनीकों को अपनाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।


सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता

अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को किया सतर्क
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सेना और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क करते हुए कहा है कि बर्फबारी के दौरान आतंकवादी सीमा पार घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए विशेषकर जम्मू-कश्मीर में चौकसी और कड़ी निगरानी बनाए रखी जाए। यह स्पष्ट करता है कि जहां सेना तकनीकी रूप से सशक्त हो रही है, वहीं सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।


यह उपकरण भविष्य में न केवल सेना के लिए, बल्कि नागरिक आपदा प्रबंधन, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली वितरण और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में भी उपयोगी साबित हो सकता है। 'विद्युत रक्षक' भारतीय सेना के नवाचार की एक जीवंत मिसाल है, जो दिखाता है कि आत्मनिर्भर भारत अब केवल एक सपना नहीं, बल्कि एक साकार होती हकीकत है।