भारतीय सेना में नए उपसेनाध्यक्ष की नियुक्ति, लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह का योगदान
भारतीय सेना में महत्वपूर्ण बदलाव
भारतीय सेना में एक महत्वपूर्ण बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो रही है। उपसेनाध्यक्ष के पद पर एक अनुभवी और साहसी अधिकारी की नियुक्ति की जा रही है। लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह, जो अपनी उत्कृष्ट सेवा और वीरता के लिए प्रसिद्ध हैं, 1 अगस्त को भारतीय थलसेना के नए उपसेनाध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे। उनकी अगुवाई में सेना की रणनीतिक दिशा को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।
लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह का करियर
लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह ने दिसंबर 1987 में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) देहरादून से स्नातक होकर 4 पैरा (स्पेशल फोर्सेज़) में कमीशन प्राप्त किया। अपने करियर में उन्होंने ऑपरेशन पवन (श्रीलंका), ऑपरेशन मेघदूत (सियाचिन), ऑपरेशन रक्षक (जम्मू-कश्मीर) और ऑपरेशन ऑर्किड जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया है। ये सभी अभियान भारत की सुरक्षा रणनीति में अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भी सेवा देने का अनुभव है, जिसमें लेबनान और श्रीलंका शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान
अंतरराष्ट्रीय मिशनों से लेकर कांगड़ा की कमान तक
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह का कार्यक्षेत्र केवल सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का नाम रोशन किया है। 2022 में, उन्होंने 'राइजिंग स्टार कोर' के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्यभार संभाला। यह कोर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में योल कैंटोनमेंट में स्थित है और इसकी स्थापना 2005 में हुई थी। यह यूनिट रणनीतिक दृष्टिकोण से देश के उत्तर-पश्चिमी सीमा क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है.
भारतीय नौसेना में भी बदलाव
नौसेना में भी बड़ा बदलाव
भारतीय सेना के अलावा, भारतीय नौसेना में भी उच्च स्तर पर बदलाव हो रहा है। वर्तमान में नेवी के वाइस चीफ, वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन, पश्चिमी नौसैनिक कमान के अगले फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बनेंगे। उन्होंने मई 2024 में VCNS का कार्यभार संभाला था। उनके स्थान पर वाइस एडमिरल संजय वत्सायन 1 अगस्त से नए वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ के रूप में पदभार संभालेंगे। इस बदलाव को नौसेना की कार्यकुशलता और नेतृत्व क्षमता को और अधिक सुदृढ़ करने के रूप में देखा जा रहा है.