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भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग, बिहार चुनाव से पहले उठी आवाज़

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग तेज हो गई है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस सम्मान की अपील की है। इससे पहले सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी भी भिखारी ठाकुर के लिए पद्म भूषण की मांग कर चुके हैं। भिखारी ठाकुर, जिन्हें 'भोजपुरी का शेक्सपियर' कहा जाता है, ने भोजपुरी साहित्य और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जानें उनके जीवन और कार्यों के बारे में।
 

भिखारी ठाकुर के लिए भारत रत्न की मांग

भिखारी ठाकुर के लिए भारत रत्न: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग जोर पकड़ रही है। इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। उन्होंने भिखारी ठाकुर को इस सम्मान से नवाजने की अपील की है। इससे पहले सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी भी भिखारी ठाकुर के लिए पद्म भूषण की मांग कर चुके हैं। आइए जानते हैं भिखारी ठाकुर के बारे में।


भिखारी ठाकुर का परिचय

भिखारी ठाकुर का जन्म 18 दिसंबर 1887 को बिहार के सारण जिले के कुतुबपुर गांव में हुआ था। वे एक प्रसिद्ध भोजपुरी लोक कवि, समाज सुधारक, गीतकार, गायक और नाटककार थे। भिखारी ठाकुर ने अपनी कला के माध्यम से बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में पहचान बनाई। भोजपुरी को एक विशेष स्थान दिलाने वाले भिखारी ठाकुर का निधन 10 जुलाई 1971 को हुआ। उन्हें 'भोजपुरी का शेक्सपियर' भी कहा जाता है।


राजीव प्रताप रूडी की मांग

मनोज तिवारी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की है। उनका कहना है कि भिखारी ठाकुर, जो भोजपुरी के महान लोक कवि और समाज सुधारक हैं, इस सम्मान के हकदार हैं। इससे पहले, सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी भिखारी ठाकुर के लिए पद्म भूषण की मांग की थी। हालांकि, अभी तक प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।


सरकार की अनदेखी पर सवाल

सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी साहित्य और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में भोजपुर के विकास के लिए काम किया। भिखारी ठाकुर को भोजपुरी लोक नाट्य का संस्थापक माना जाता है। उनका कहना है कि वर्तमान में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद भिखारी ठाकुर को उचित सम्मान नहीं मिल रहा है, बल्कि सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है।