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भिवानी में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की नजरबंदी: छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास

भिवानी में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने के प्रयास में नजरबंद कर दिया गया। इस कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए एनएसयूआई ने प्रशासन की आलोचना की है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कदम छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी मांगें।
 

छात्र नेताओं की नजरबंदी


भिवानी में एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष मनजीत लांग्यान और अन्य सदस्यों को रविवार को पुलिस द्वारा नजरबंद कर दिया गया। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को छात्रहित से जुड़े मुद्दों पर ज्ञापन सौंपने के लिए की गई थी।


ज्ञापन सौंपने का प्रयास


एनएसयूआई ने भिवानी प्रशासन की इस कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ बताया है। रविवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी महाराजा श्री दक्ष प्रजापति की जयंती के अवसर पर भीम स्टेडियम में उपस्थित थे। एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने छात्र संघ चुनाव बहाल करने, एससी-बीसी छात्रों की छात्रवृत्ति जारी करने, और चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में प्रशासनिक सुधारों के लिए ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया था।


छात्रों के भविष्य से खिलवाड़


हालांकि, जब वे ज्ञापन देने जा रहे थे, तो उन्हें स्थानीय जगत कॉलोनी में नजरबंद कर दिया गया। मनजीत लांग्यान ने इस कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगें उठाना उनका अधिकार है, लेकिन प्रशासन ने उन्हें नजरबंद करके लगभग 50,000 छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास किया है।