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भिवानी में सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए रोजगारपरक कार्यों पर कार्यशाला

भिवानी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें सहकारी समितियों के सदस्यों को रोजगारपरक कार्यों की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना था। महाप्रबंधक सुरेश पाल ने सहकारी समितियों के संचालन और बचत एवं ऋण सुविधाओं पर चर्चा की। कार्यशाला में विभिन्न परियोजनाओं के बारे में जानकारी साझा की गई, जिससे सदस्यों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया गया।
 

सहकारी बैंक में आयोजित हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम



  • जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के सभागार में हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम


(भिवानी)। डीसी साहिल गुप्ता के नेतृत्व में, स्थानीय जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के सभागार में एक दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारी बैंक के महाप्रबंधक सुरेश पाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने सहकारी समितियों के संचालन, बचत और ऋण सुविधाओं, और पैक्स के तहत रोजगारपरक कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।


सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए सहकारी समितियों का योगदान

महाप्रबंधक सुरेश पाल ने बताया कि सहकारिता मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, क्षेत्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान चंडीगढ़ द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे सहकारी समितियों को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाएं। यह कार्यक्रम नवगठित बहुउद्देशीय कृषि सेवा सहकारी सभाओं के कर्मचारियों और प्रबंध समिति के सदस्यों के लिए आयोजित किया गया था।


ग्रामीण आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का उद्देश्य

प्रशिक्षण कार्यशाला में क्षेत्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान चंडीगढ़ के संकाय सदस्य सुनील कुमार और हरकोफेड के एसीइओ जोगिंदर सिंह ने विभिन्न परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सहकारी समितियों की कार्यक्षमता को बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।


उन्होंने सहकारी समितियों के संचालन, विशेषकर बचत और ऋण सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि कैसे सहकारी समितियां अपने सदस्यों को पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, और लोकमित्र केंद्र जैसी सुविधाएं प्रदान कर सकती हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। इस कार्यक्रम में जिले की नवगठित सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।