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भूपेंद्र हुड्डा की याचिका मानेसर लैंड स्कैम में खारिज

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे मानेसर लैंड स्कैम में उनके खिलाफ आरोप तय होंगे। सीबीआई ने इस मामले में 80,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसमें हुड्डा सहित 34 लोगों को आरोपी बनाया गया है। अदालत के इस निर्णय से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। जानें इस मामले में आगे क्या होगा और सीबीआई की जांच में क्या खुलासे हुए हैं।
 

पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप तय होंगे


चंडीगढ़: मानेसर लैंड स्कैम से संबंधित हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की याचिका को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। अब पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत में उनके खिलाफ सुनवाई होगी और आरोप तय किए जाएंगे। इस निर्णय से पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की स्थिति और कठिन हो गई है। उल्लेखनीय है कि इस स्कैम की जांच का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिया था।


अदालत का निर्णय और सीबीआई की जांच

अदालत ने यह पाया कि 2007 में हुड्डा सरकार द्वारा अधिग्रहण प्रक्रिया को रद्द करने का निर्णय दुर्भावनापूर्ण था और इसे धोखाधड़ी के रूप में देखा गया। सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह बिचौलियों द्वारा प्राप्त अनुचित लाभ की जांच करे और राज्य सरकार को हर एक पैसा वसूलने का प्रयास करे।


सीबीआई की चार्जशीट और आरोप

केंद्रीय जांच एजेंसी ने सितंबर 2015 में इस मामले की जांच शुरू की थी और 2018 में हुड्डा सहित 34 लोगों के खिलाफ 80,000 पन्नों का आरोपपत्र पेश किया था। सीबीआई का आरोप है कि सरकारी उद्देश्यों के नाम पर गुरुग्राम जिले के मानेसर और आस-पास के गांवों के किसानों से सस्ते दामों पर बड़ी मात्रा में भूमि का अधिग्रहण किया गया।


आगे की प्रक्रिया

सीबीआई पहले ही इस मामले में अदालत में चालान दाखिल कर चुकी है। उच्च न्यायालय से राहत न मिलने के बाद, विशेष अदालत अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ आरोप तय करेगी और इसके बाद ट्रायल की प्रक्रिया आरंभ होगी। सीबीआई ने अपनी जांच में कई अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए पूर्व सीएम और अन्य आरोपियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।