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मटर की खेती के लिए बेहतरीन किस्में: पूसा श्री और पूसा प्रबल

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने मटर की दो नई किस्में, पूसा श्री और पूसा प्रबल, विकसित की हैं। ये किस्में रोगों के प्रति प्रतिरोधी और उच्च पैदावार देने वाली हैं, जो किसानों को बेहतर मुनाफा दिला सकती हैं। पूसा श्री जल्दी पकने वाली है, जबकि पूसा प्रबल अधिक फसल देती है। जानें इनकी विशेषताएँ और बाजार में इनकी मांग के बारे में।
 

मटर की खेती के लिए सुझाव

मटर की खेती: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने मटर की दो उत्कृष्ट किस्में, पूसा श्री (जी.पी-17) और पूसा प्रबल (जी.पी-473) विकसित की हैं। ये किस्में रोगों के प्रति प्रतिरोधी, उच्च पैदावार देने वाली और विभिन्न जलवायु में उगने में सक्षम हैं। इनसे किसान अच्छे मुनाफे के साथ-साथ बाजार में बेहतर कीमत भी प्राप्त कर सकते हैं।


पूसा श्री (जी.पी-17) की विशेषताएँ

पूसा श्री मटर की एक अगेती किस्म है, जो विशेष रूप से उत्तर भारत के मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। यह हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है।


इसकी औसत पैदावार 4.5 टन प्रति हेक्टेयर है, जो इसे वाणिज्यिक खेती के लिए आदर्श बनाती है। इसकी विशेषता यह है कि यह जल्दी पकती है, जिससे किसान प्रारंभिक फसल बेचकर उच्च कीमत प्राप्त कर सकते हैं। यह किस्म रोगों से लड़ने में सक्षम है, जिससे कीटनाशकों की आवश्यकता कम होती है और खेती का खर्च घटता है।


मुख्य विशेषताएँ:

जल्दी पकने वाली अगेती किस्म
फ्यूसेरियम (उक्ठा) रोग प्रतिरोधी
उच्च तापमान सहन करने की क्षमता
उत्तर भारत के मैदानों और पहाड़ों के लिए सर्वोत्तम
अक्टूबर में बुवाई के लिए आदर्श
हरी फलियां, प्रत्येक फल में 5-6 दाने


पूसा प्रबल (जी.पी-473) की विशेषताएँ

पूसा प्रबल एक नई और उन्नत किस्म है, जो हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए विकसित की गई है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसकी उच्च पैदावार है – 9 से 10 टन प्रति हेक्टेयर! जबकि पूसा श्री 4.5 टन देती है, पूसा प्रबल दोगुनी फसल देने में सक्षम है।


इसकी लंबी फलियां और अधिक दाने इसकी बाजार में मांग को बढ़ाते हैं। यह किस्म घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों के लिए उपयुक्त है। अधिक पैदावार और आकर्षक दानों के कारण यह किसानों के लिए मुनाफे का नया रास्ता खोल रही है।


मुख्य विशेषताएँ:

मध्यम पकने वाली किस्म
चूर्णिल असिता और उक्ठा रोग प्रतिरोधी
लंबी हरी फलियां, 7-9 दाने प्रति फल
छिलकन 52%
अधिक पैदावार के लिए सर्वोत्तम


बाजार और मुनाफा

भारत में मटर की मांग हमेशा उच्च रहती है। सर्दियों में हरी मटर रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जबकि सूखी मटर स्नैक्स और खाद्य उद्योगों में उपयोग होती है।


पूसा श्री की जल्दी फसल से किसान प्रारंभिक बाजार में अच्छी कीमत प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, पूसा प्रबल की अधिक पैदावार और आकर्षक फलियां मंडियों और प्रोसेसिंग यूनिट्स में आसानी से बिकती हैं। इन किस्मों से किसान न केवल अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।