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मणिपुर में एनडीए विधायकों का सरकार गठन का दावा, राजनीतिक स्थिति पर असर

मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच, एनडीए के 44 विधायकों ने सरकार गठन का दावा किया है। यह स्थिति राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाती है, जबकि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह संकट का सामना कर रहे हैं। इस दावे का राज्य की मौजूदा राजनीतिक गतिशीलता पर क्या असर होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
 

मणिपुर में राजनीतिक अस्थिरता के बीच एनडीए का दावा

मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच, नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के विधायकों ने यह दावा किया है कि उनके पास राज्य में सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में विधायक हैं। सूत्रों के अनुसार, एनडीए के कम से कम 44 विधायक इस समय सरकार गठन के लिए तैयार हैं। यह दावा उस समय किया गया है जब राज्य में मेइतेई और कुकी समुदायों के बीच गंभीर संघर्ष चल रहा है, जिससे राजनीतिक स्थिति भी तनावपूर्ण बनी हुई है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार इस संकट का सामना करने की कोशिश कर रही है।
44 विधायकों का समर्थन राजनीतिक गलियारों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह दर्शाता है कि सत्ताधारी गठबंधन के विधायक मौजूदा चुनौतियों के बावजूद अपनी एकजुटता बनाए रखने का भरोसा जता रहे हैं। इस संख्या के साथ, एनडीए राज्य विधानसभा में बहुमत की स्थिति में है और सरकार चलाने के लिए आवश्यक संख्या से अधिक है। सूत्रों का कहना है कि ये विधायक संकट के इस समय में राज्य में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के पक्ष में हैं और सरकार चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह देखना होगा कि इस दावे का राज्य की मौजूदा राजनीतिक गतिशीलता और हिंसाग्रस्त स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता है।