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मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 का पुनः उद्घाटन, लेकिन शांति प्रक्रिया में तनाव

मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 का हाल ही में पुनः उद्घाटन किया गया है, लेकिन इसके खुलने से क्षेत्र की नाजुक शांति प्रक्रिया में तनाव उत्पन्न हो गया है। कुकी-जो समूहों ने चेतावनी दी है कि बिना किसी रोक-टोक के आवाजाही की धारणा गलत है। मई 2023 में हुई हिंसा में 260 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद दोनों समुदायों ने एक-दूसरे के क्षेत्रों में जाने से मना कर दिया था। जानें इस स्थिति का पूरा विवरण और इसके पीछे की कहानी।
 

मणिपुर समाचार

मणिपुर समाचार: हाल ही में, इंफाल और नागालैंड के बीच स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को फिर से खोला गया है, लेकिन इसके खुलने से मणिपुर की नाजुक शांति प्रक्रिया में तनाव उत्पन्न हो गया है। शनिवार को, दो कुकी-जो सशस्त्र समूहों ने चेतावनी दी कि यह गलत धारणा न बनाई जाए कि मैतेई और कुकी-जो क्षेत्रों में बिना किसी रोक-टोक के आवाजाही शुरू हो गई है।


यह चेतावनी कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) द्वारा केंद्र और राज्य सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते के दो दिन बाद जारी की गई है।


इस शांति समझौते में मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखना, संवेदनशील क्षेत्रों से शिविरों को दूर स्थापित करना और राजनीतिक दिशा में काम करना शामिल है। यह समझौता पहली बार 2008 में हुआ था और समय-समय पर इसे नवीनीकरण किया गया है।


कुकी-मैतेई हिंसा में 260 लोगों की जान गई


यह ध्यान देने योग्य है कि मई 2023 में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हुई हिंसा में 260 लोग मारे गए थे और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। इसके बाद, दोनों समुदायों ने एक-दूसरे के क्षेत्रों में जाने से मना कर दिया था।


एनएच-2 को कभी नहीं किया गया था जाम


गृह मंत्रालय के साथ बातचीत के बाद, कुकी-जो परिषद ने हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को खोलने पर सहमति जताई है। KNO और UPF ने कहा कि कुकी-जो समूहों ने कभी भी एनएच-2 को जाम नहीं किया और परिषद की अपील केवल आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को अनुमति देने के लिए कांगपोकपी खंड तक सीमित थी। दोनों समूहों ने संविधान के दायरे में रहकर बातचीत के माध्यम से सभी मुद्दों का समाधान निकालने की प्रतिबद्धता दोहराई।