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मध्य प्रदेश और राजस्थान में नकली कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत

राजस्थान और मध्य प्रदेश में नकली कफ सिरप के सेवन से 11 बच्चों की मौत हो गई है, जिसमें 9 बच्चे मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से हैं। इस मामले में औषधि विभाग ने कार्रवाई करते हुए कटारिया फार्मास्यूटिकल्स के वितरक पर छापेमारी की है। परिवार ने आरोप लगाया है कि कफ सिरप के कारण बच्चे की जान गई। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या कदम उठाए गए हैं।
 

नकली कफ सिरप का खतरनाक प्रभाव

नकली कफ सिरप: राजस्थान और मध्य प्रदेश में मिलावटी कफ सिरप के सेवन से अब तक 11 बच्चों की जान जा चुकी है। इनमें से 9 बच्चों की मौत मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हुई, जबकि राजस्थान के सीकर और भरतपुर में एक-एक बच्चे की मृत्यु हुई। इस मामले में जबलपुर में औषधि विभाग ने कटारिया फार्मास्यूटिकल्स के वितरक पर छापेमारी की है।


भरतपुर में एक बच्चे की मौत के बाद उसके परिवार ने आरोप लगाया कि नकली कफ सिरप के कारण उसकी जान गई। बच्चे को जुकाम की समस्या के चलते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने दवा के साथ सिरप भी लिखा। घर लौटने पर जब बच्चे को दवा दी गई, तो वह सो गया और 4 घंटे तक होश में नहीं आया। परिजन उसे सरकारी अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे भरतपुर रेफर किया गया। हालत में सुधार न होने पर उसे जयपुर भेजा गया, लेकिन 4 दिन बाद उसकी मौत हो गई।


परिवार ने कफ सिरप को बच्चे की मौत का कारण बताया है और जांच की मांग की है। वहीं, मध्य प्रदेश में 9 बच्चों की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। औषधि विभाग ने कटारिया फार्मास्यूटिकल्स के वितरक पर कार्रवाई की है।


जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद कुमार जैन ने बताया कि कटारिया फार्मास्यूटिकल्स ने चेन्नई की एक कंपनी से 660 बोतलें कोल्ड्रिफ कफ सिरप मंगवाई थीं, जिनमें से 594 बोतलें छिंदवाड़ा में भेजी गईं। 66 बोतलें रेफ्रिजरेट की गईं और 16 बोतलें भोपाल की प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजी गई हैं।


कटारिया फार्मास्यूटिकल्स के वितरक राजपाल कटारिया ने कहा कि उन्होंने छिंदवाड़ा में कफ सिरप की आपूर्ति की थी, जिसके बाद 30 से अधिक बच्चे बीमार हो गए। बीमार बच्चों को नागपुर के अस्पतालों में भेजा गया, जहां छह बच्चों की मौत हो गई। यह आपूर्ति न्यू अपना एजेंसी, आयुष फार्मा और जैन मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स को की गई थी।