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मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों की नई टीम का किया ऐलान, विधायकों को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने संगठन सृजन अभियान के तहत 71 जिलाध्यक्षों की नई टीम का ऐलान किया है। इस बार कई विधायकों को भी जिलाध्यक्ष बनाया गया है, जो पार्टी की रणनीति में बदलाव का संकेत देता है। इसके अलावा, पूर्व विधायकों की वापसी और 2023 चुनाव में भाग लेने वाले नेताओं को नई जिम्मेदारियाँ भी दी गई हैं। जानें इस महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में और अधिक जानकारी।
 

मध्य प्रदेश कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान

Madhya Pradesh Congress : मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को अपने संगठन सृजन अभियान के तहत शहर और ग्रामीण जिलाध्यक्षों की लंबित कुर्सियों पर अंतिम मुहर लगाई। पार्टी ने एक साथ 71 जिम्मेदार नेताओं की सूची जारी की, जिससे लंबे समय से चल रहे इंतजार को कुछ राहत मिली।


विधायकों को मिली जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी

इस बार कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए कई विधायकों को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है, जो पहले 'एक पद, एक भूमिका' के सिद्धांत के खिलाफ माना जाता था। इनमें प्रमुख हैं:



  • पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह—गुना जिलाध्यक्ष

  • डिंडौरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम—डिंडौरी जिलाध्यक्ष

  • पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह—राजगढ़ जिलाध्यक्ष

  • महेश परमार—उज्जैन ग्रामीण (विधायक)

  • सिद्धार्थ कुशवाह—सतना ग्रामीण (विधायक)

  • संजय उईके—बालाघाट जिलाध्यक्ष


इन विधायकों को जिला संगठन की जिम्मेदारी मिलने से कांग्रेस की संगठनात्मक रणनीति में बदलाव की झलक मिलती है।


पूर्व विधायकों की वापसी

इस बार संगठन में पूर्व विधायकों की भी वापसी हुई है, जो पार्टी की लोकतांत्रिक ताकत को दर्शाता है:



  • विपिन वानखेड़े — इंदौर ग्रामीण

  • मुकेश पटेल — अलीराजपुर

  • डॉ. अशोक मर्सकोले — मंडला

  • कुंवर सौरभ सिंह — कटनी (शहर)

  • हर्ष विजय गहलोत — रतलाम ग्रामीण

  • सुनीता पटेल — नरसिंहपुर


2023 चुनाव में भाग लेने वाले नेताओं को नई जिम्मेदारियाँ

पिछले विधानसभा चुनाव (2023) में भाग लेने वाले कई नेताओं को हार के बावजूद संगठनात्मक जिम्मेदारियाँ दी गई हैं, जैसे:



  • राजेंद्र शर्मा—रीवा जिला

  • धर्मेश घई—मैहर

  • निलय डागा—बैतूल

  • संजय यादव—जबलपुर ग्रामीण

  • उत्तमपाल सिंह—खंडवा


यह निर्णय पार्टी की विफल प्रयासों के प्रति समर्पण और उसकी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत है।


18 जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका

कांग्रेस ने 18 नेताओं को पुनः जिम्मेदारी सौंपी है, जिनमें शामिल हैं: शाजापुर, मुरैना ग्रामीण, अशोकनगर, बालाघाट, जबलपुर शहर, मैहर, रीवा ग्रामीण, झाबुआ, उज्जैन शहर, भोपाल शहर, भोपाल ग्रामीण, बड़वानी, खरगोन, विदिशा, सीधी, टीकमगढ़, सीहोर और छिंदवाड़ा (विश्वनाथ ओखटे)। यह निरंतरता पार्टी की संगठनों में अनुभव और भरोसा बनाए रखने की नीति को दर्शाता है।