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मध्य प्रदेश की वकील ने शादी के दबाव से बचने के लिए नेपाल भागने की योजना बनाई

मध्य प्रदेश की 27 वर्षीय वकील अर्चना तिवारी ने परिवार के शादी के दबाव से बचने के लिए नेपाल भागने की योजना बनाई। 13 दिनों की खोज के बाद, पुलिस ने उसकी पहचान की पुष्टि की। जांच में 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और उसके सहयोगियों का पता लगाया गया। जानें इस दिलचस्प मामले की पूरी कहानी और अर्चना के भागने की योजना के पीछे के कारण।
 

अर्चना तिवारी का मामला

अर्चना तिवारी मामला: मध्य प्रदेश की 27 वर्षीय वकील, जो सिविल जज बनने की ख्वाहिश रखती थी, ने परिवार के शादी के दबाव से बचने के लिए इटारसी से नेपाल के काठमांडू तक भागने की योजना बनाई। उसने सीसीटीवी, टोल बूथ और पुलिस चौकियों को चकमा देते हुए अपनी गुमनामी की जिंदगी की ओर बढ़ने के लिए कोई सुराग नहीं छोड़ा।


13 दिनों की खोज

अर्चना की 13 दिनों तक चलने वाली खोज, जिसमें पुलिस, जीआरपी और एनडीआरएफ की टीमें शामिल थीं, बुधवार को समाप्त हुई। नेपाल के अधिकारियों ने पुष्टि की कि काठमांडू में एक भारतीय महिला का प्रोफाइल उस वकील से मेल खाता है, जो 7 अगस्त को इंदौर-कटनी नर्मदा एक्सप्रेस में सवार होने के बाद लापता हो गई थी।


500 से अधिक CCTV फुटेज की जांच

जांचकर्ताओं ने बताया कि अर्चना शुजालपुर, इंदौर, हैदराबाद, जोधपुर, दिल्ली और फिर उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा होते हुए काठमांडू पहुंची। ट्रेन के बी3 कोच में उसका लावारिस बैग मिला, जिसके बाद उसके भाई ने 8 अगस्त को जीआरपी कटनी में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की, एनडीआरएफ के जवानों को जंगलों में तैनात किया और नर्मदा के 32 किलोमीटर लंबे हिस्से की तलाशी के लिए गोताखोर भेजे। यह सफलता तब मिली जब जांचकर्ताओं ने उसके कॉल रिकॉर्ड की जांच की।


सहयोगियों की पहचान

एक अधिकारी ने कहा, 'स्कैन के दौरान सारांश जोकचंद का नाम सामने आया।' जांचकर्ताओं को पता चला कि सारांश अर्चना के साथ नर्मदा एक्सप्रेस में यात्रा कर रहा था और उसके लिए कपड़े भी लाया था। तेजिंदर सिंह ने वकील को निगरानी कैमरों में कैद होने से बचाया क्योंकि वह रेलवे स्टेशन के आसपास के इलाकों से परिचित था। पुलिस ने बताया कि गायब होने से पहले अर्चना ने अपने मोबाइल फोन का उपयोग बंद कर दिया था। उसने अपना एक फोन तेजिंदर को दिया और उसे मिडघाट के पास चालू करने और फिर फेंकने का निर्देश दिया।


पुलिस की प्रतिक्रिया

एसपी (रेलवे) राहुल लोढ़ा ने कहा, 'एक वकील होने के नाते, वह जानती थी कि जीआरपी में दर्ज गुमशुदगी के मामलों में आमतौर पर सख्ती से कार्रवाई नहीं की जाती। उसे शायद यकीन था कि मामले की जांच ठंडी पड़ जाएगी और उसे यह भी नहीं पता था कि मामला मीडिया में इतना चर्चित हो जाएगा।' पुलिस को पता चला कि अर्चना ने हाल के महीनों में कम से कम पांच शादी के प्रस्ताव ठुकरा दिए थे। उसके परिवार का एक राजस्व अधिकारी से उसकी शादी कराने का निर्णय अंततः उसके लिए समस्या बन गया।