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मध्य प्रदेश में मदरसा धर्मांतरण विवाद: NHRC ने मांगा जवाब

मध्य प्रदेश में 27 मदरसों पर गंभीर आरोप लगे हैं कि वे हिंदू बच्चों को कुरआन पढ़ने और इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले में राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और 15 दिनों में कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। आरोप है कि ये मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया।
 

मध्य प्रदेश में मदरसों पर गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश मदरसा धर्मांतरण विवाद: मध्य प्रदेश में 27 मदरसों पर आरोप है कि वे 556 हिंदू बच्चों को कुरआन पढ़ने और इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और 15 दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। आयोग के अनुसार, ये मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं और इनमें धार्मिक शिक्षा की अनधिकृत व्यवस्था की जा रही है। सरकार अब इस मामले की गहन जांच करेगी ताकि आरोपों की सत्यता स्पष्ट हो सके.


क्या हैं आरोप?

शिकायत में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में ये मदरसे बिना सरकारी अनुमति के हिंदू बच्चों को कुरान और हदीस की शिक्षा दे रहे हैं और उनके धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि ये 27 मदरसे एक संगठित धर्मांतरण रैकेट के तहत काम कर रहे हैं.


NHRC की कार्रवाई और निर्देश

NHRC ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मामले की जांच का आदेश दिया है और 15 दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) प्रस्तुत करने को कहा है। आयोग ने यह भी कहा है कि यदि मदरसों पर आरोप सही पाए जाते हैं, तो FIR दर्ज की जानी चाहिए और प्रभावित बच्चों को तुरंत अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.


कौन से जिले शामिल हैं?

शिकायत में मुरैना, इस्लामपुरा, जौरा, पोरसा, अंबाह, कैलारस, सबलगढ़ और अन्य क्षेत्रों के मदरसों का उल्लेख किया गया है। आरोप है कि ये मदरसे किशोर न्याय अधिनियम 2015 और संविधान के अनुच्छेद 28(3) का उल्लंघन कर रहे हैं.


राज्य सरकार और बीजेपी का रुख

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि वे मदरसों के माध्यम से धर्मांतरण की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने पहले ही अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करने, उन्हें बंद करने और उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं.


पहले भी उठे थे सवाल

मध्य प्रदेश में पहले भी आरोप लगे हैं कि गैर-मुस्लिम छात्रों को मदरसों में दाखिला दिया गया, जिससे कुछ मदरसों की सरकारी अनुदान योजनाओं में अनियमितताएं सामने आई थीं। सरकार ने 16 अगस्त 2024 को आदेश दिए थे कि मदरसों की जांच की जाए, जिनमें धार्मिक शिक्षा अनधिकृत रूप से दी जा रही हो, उनके अनुदान बंद किए जाएँ.


आगे की कार्रवाई

यदि NHRC को दिए गए 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट में शिकायतों को सही पाया जाता है, तो मदरसों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रभावित बच्चों को सुरक्षा योजनाएं और अन्य स्कूलों में दाखिला दिलाया जा सकता है। इस पूरे विवाद में यह देखना होगा कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग किस प्रकार से जांच को आगे बढ़ाते हैं और दोषियों को कानून के कठघरे में लाते हैं.