मनरेगा के स्थान पर विकसित भारत जी राम जी विधेयक 2025 पर विवाद बढ़ा
विधेयक पर बढ़ा विवाद
नई दिल्ली: मनरेगा के स्थान पर लाए गए विकसित भारत जी राम जी विधेयक 2025 ने संसद और राजनीतिक हलकों में विवाद को जन्म दिया है। यह विधेयक लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो चुका है, लेकिन अब विपक्ष के साथ-साथ एनडीए का एक सहयोगी दल भी इस पर आपत्ति जता रहा है। तेलुगु देशम पार्टी ने इस योजना के तहत राज्यों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को लेकर चिंता व्यक्त की है।
सहयोगी दलों की चिंता
इस घटनाक्रम ने केंद्र सरकार की सहयोगी राजनीति में असहजता पैदा कर दी है। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के हंगामे के बीच इस विधेयक को सदन में पेश किया। विपक्षी सांसदों ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा कि योजना के नाम से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है। उन्होंने विधेयक को वापस लेने या संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की।
एनडीए सहयोगी सांसद का बयान
सांसद लवु श्री कृष्ण देवरयालु का बयान
तेलुगु देशम पार्टी के सांसद लवु श्री कृष्ण देवरयालु ने कहा कि मनरेगा में सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। उन्होंने बताया कि इसी सोच के तहत काम के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 किया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, ऐसे में योजना का अतिरिक्त खर्च राज्यों पर डालना चिंता का विषय है।
टीडीपी के प्रवक्ता की प्रतिक्रिया
एन विजय कुमार का बयान
टीडीपी के प्रवक्ता एन विजय कुमार ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राज्यों की मदद करेगी। उन्होंने नए स्वरूप का स्वागत किया है और योजना में 40 प्रतिशत भुगतान के प्रावधान पर पुनर्विचार की मांग की है। पार्टी का कहना है कि राज्यों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए केंद्र को लचीला रुख अपनाना चाहिए।
कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस की योजना
कांग्रेस ने विधेयक के नाम बदलने के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि महात्मा गांधी के नाम को हटाना गरीबों और ग्रामीणों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम है।
शिवराज सिंह चौहान का स्पष्टीकरण
चौहान का बयान
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी हमारे दिलों में हैं और सरकार उनके विचारों के अनुसार कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार ने भी पहले योजनाओं के नाम बदले थे।
चौहान ने बताया कि अब तक मनरेगा पर 8.53 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। नए विधेयक में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी जा रही है, जिसके लिए 1.51 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। सरकार का दावा है कि इस योजना से गांवों का समग्र विकास होगा।