मनोज मुंतशिर ने पीएम मोदी की मां के लिए लिखी चिट्ठी के भावनात्मक अनुभव साझा किए
भावनाओं से भरी चिट्ठी का अनुभव
नई दिल्ली: प्रसिद्ध कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी मां हीराबेन के निधन के बाद लिखी गई चिट्ठी के बारे में अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने अपनी मां के निधन के बाद एक 17 पन्नों की चिट्ठी लिखी थी, जिसे पढ़ते समय वह अपने आंसू नहीं रोक सके।
मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मां हीराबेन के निधन के बाद 17 पन्नों का एक पत्र लिखा था। हर पंक्ति में प्यार, कृतज्ञता और यादें थीं। मुझे इसे अपनी आवाज में रिकॉर्ड करने का अवसर मिला। रिकॉर्डिंग के दौरान मैं अपने आंसुओं को रोक नहीं सका। उस पत्र से यह स्पष्ट हुआ कि हीराबा केवल नरेंद्र मोदी की मां नहीं थीं, बल्कि उनकी मार्गदर्शक, ताकत और जीवन की पहली शिक्षक भी थीं। मैंने सोचा था कि रिकॉर्डिंग में कुछ मिनट लगेंगे, लेकिन यह काफी लंबा खिंच गया। हर दो पंक्तियों के बाद मुझे रुकना पड़ता था। भावनाएं इतनी गहरी थीं कि मेरा गला रुंध जाता था। मां-बेटे के इस पवित्र रिश्ते का अपमान करना बहुत दुखद है।"
इस वीडियो में मनोज पीएम मोदी द्वारा अपनी मां के लिए लिखी चिट्ठी के बारे में बताते हुए नजर आ रहे हैं।
मनोज ने कहा कि हीराबेन के निधन के बाद हम सभी ने देखा है कि किसी की मां का चले जाना कितना बड़ा नुकसान होता है। दुनिया में हर चीज की भरपाई हो सकती है, लेकिन मां का स्थान कोई नहीं ले सकता। पीएम मोदी भी इससे अछूते नहीं हैं। जैसे कोई बेटा पूरी तरह से टूट जाता है, उसी तरह से प्रधानमंत्री भी टूटे, लेकिन उनके कंधे पर बहुत जिम्मेदारियां हैं। मुझे लगता है कि वह इतना टूटना सहन नहीं कर सकते।
मनोज ने उस चिट्ठी का भी जिक्र किया, जो पीएम मोदी ने अपनी मां के निधन के बाद लिखी थी। उन्होंने बताया कि मुझे याद है कि उनकी माताजी के निधन के बाद किसी ने फोन किया था और कहा गया कि पीएम मोदी ने अपनी मां के लिए एक चिट्ठी लिखी है। वह (प्रधानमंत्री) चाहते हैं कि मैं इसे अपनी आवाज में रिकॉर्ड करूं। मैंने इसके लिए हां कर दी, लेकिन जब चिट्ठी मेरे पास आई, तो मैंने सोचा कि इसमें व्यक्तिगत भावनाएं होंगी। लेकिन जब मैंने उस 17 पन्ने की चिट्ठी को पढ़ा, तो रिकॉर्डिंग के दौरान मैं करीब 10 बार रोया। हमें आधे-आधे घंटे के लिए रिकॉर्डिंग रोकनी पड़ी, क्योंकि यह चिट्ठी इतनी भावनात्मक और करुणा से भरी हुई थी।"
उन्होंने कहा, "हीराबेन मेरी मां नहीं थीं, लेकिन जब मैं उस चिट्ठी को रिकॉर्ड कर रहा था, ऐसा लग रहा था कि मैंने अपनी मां खो दी है। उस चिट्ठी को बाद में एक वेबसाइट पर रिलीज भी किया गया था।"