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मनोहर लाल खट्टर ने कबीर की शिक्षाओं से प्रेरित विकास की नई दिशा का किया उल्लेख

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कबीरदास जी की शिक्षाओं के प्रभाव को उजागर करते हुए विकास की नई दिशा का उल्लेख किया है। उन्होंने कबीर की वाणी को अपने कार्यों में उतारने का प्रयास किया है, जिससे प्रदेश की जन कल्याणकारी नीतियों में सुधार हुआ है। खट्टर ने कबीर के सिद्धांतों के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा और अन्य योजनाओं में वृद्धि की बात की है। जानें कबीर का संदेश और खट्टर की नीतियों के बारे में इस लेख में।
 

कबीर की वाणी का प्रभाव

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भक्त कबीर की शिक्षाओं के प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने 12 जून 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री आवास का नाम बदलकर संत कबीर कुटीर रखने की घोषणा की, जिसे उन्होंने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। खट्टर ने कबीरदास जी से सीखी गई बातों को हरियाणा सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों में स्पष्ट रूप से देखा।


जब उन्होंने पहली बार प्रदेश की बागडोर संभाली, तब वहां निराशा और अविश्वास का माहौल था। भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार ने प्रशासन को प्रभावित किया। ऐसे में कबीरदास जी के सिद्धांतों ने उनकी कार्यप्रणाली को नई दिशा दी। भाजपा सरकार ने घर बैठे परिवार पहचान पत्र बनाकर 397 योजनाओं का लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाया।


कबीरदास जी के विचारों के प्रभाव से सरकार ने सामाजिक सुरक्षा की वार्षिक आय, बेटियों की शादी पर शगुन राशि और बीपीएल परिवारों के लिए मकान मरम्मत सहायता को बढ़ाया। कबीर जी ने सभी इंसानों को समान मानते हुए जात-पात का विरोध किया और प्रभु भक्ति का संदेश दिया।


कबीर का संदेश और मानवता

भक्त कबीर का जन्म उस समय हुआ जब हिन्दू धर्म में कर्मकाण्ड का प्रचलन था और मुस्लिम समाज भी पतन की ओर था। संत कबीर ने दोनों समुदायों को जात-पात और स्वार्थ से ऊपर उठकर नाम जपने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने संसार को माया कहकर काम, क्रोध, मोह और लोभ को त्यागने की प्रेरणा दी।


कबीर ने कहा कि मनुष्य इस क्षणभंगुर संसार में अपने ऐश्वर्य का प्रदर्शन कर सकता है, लेकिन मृत्यु के समय सब कुछ छोड़कर जाना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि संसार एक बाजार है, जहां इन्द्रियों के स्वाद रूपी विषय-वासनाएं जीव को ठगने का प्रयास करती हैं।


अहमदाबाद में हाल ही में हुए हवाई हादसे ने भी यही संदेश दिया कि संसार मायावी है और अगले क्षण का कोई नहीं जानता। कबीर का संदेश आज भी प्रासंगिक है कि मनुष्य का नाम सिमरण और कर्म ही उसके साथ जाने वाला है।


कबीर की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक

सदियों पहले संत कबीर ने जो संदेश मानवता को दिया, वह आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है। मनुष्य के साथ उसका नाम सिमरण और कर्म ही जाने वाला है, बाकी सब यहीं रह जाएगा।


मुख्य संपादक का संदेश


-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक, दैनिक उत्तम हिन्दू।