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महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति की जीत, अघाड़ी की स्थिति कमजोर

महाराष्ट्र में हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति ने शानदार जीत दर्ज की है, जिससे राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। बीजेपी ने सबसे अधिक सीटें जीतीं, जबकि महा विकास अघाड़ी की स्थिति कमजोर हुई है। इस चुनाव के परिणामों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, और अब सभी की नजरें आगामी नगर निगम चुनावों पर हैं। क्या महा विकास अघाड़ी अपनी खोई हुई स्थिति को पुनः प्राप्त कर पाएगी? जानें इस लेख में।
 

महाराष्ट्र में चुनाव परिणामों का प्रभाव


नई दिल्ली: महाराष्ट्र में हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के परिणामों ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को काफी प्रभावित किया है। 288 शहरी निकायों में सत्ताधारी महायुति ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 215 प्रमुख पदों पर कब्जा किया है, जबकि महा विकास अघाड़ी को केवल 51 पदों पर संतोष करना पड़ा। महायुति इसे विकास की जीत मानती है, जबकि अघाड़ी सरकार पर धन के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है।


बीजेपी की प्रमुखता

इन चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी और सफल पार्टी के रूप में उभरी है। महायुति में शामिल दलों में बीजेपी को 129, शिवसेना को 51 और एनसीपी को 35 पद मिले। वहीं, अघाड़ी खेमे में कांग्रेस को 35, उद्धव ठाकरे गुट को 9 और शरद पवार की एनसीपी को केवल 7 पद प्राप्त हुए। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि शहरी मतदाताओं में महायुति की पकड़ मजबूत हुई है।


विकास बनाम आरोप

विकास बनाम आरोपों की राजनीति


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस जीत को विकास की नीतियों का समर्थन बताया है। दूसरी ओर, महा विकास अघाड़ी के नेता इसे पैसे के बल पर हासिल की गई जीत मानते हैं। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।


बीजेपी का उच्चतम स्ट्राइक रेट

बीजेपी का स्ट्राइक रेट सबसे ऊंचा


राज्य में पार्षद पदों के चुनाव में बीजेपी का स्ट्राइक रेट सबसे अधिक रहा। पार्टी ने 3450 सीटों पर चुनाव लड़ा और 2180 सीटों पर जीत हासिल की, जिसका स्ट्राइक रेट 63.1 प्रतिशत रहा। यह 2020-21 के मुकाबले लगभग 12 प्रतिशत अधिक है। शिवसेना ने 1620 सीटों पर चुनाव लड़ा और 890 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी ने 1150 सीटों पर लड़कर 510 सीटें जीतीं।


अघाड़ी का कमजोर प्रदर्शन

MVA का कमजोर प्रदर्शन


महा विकास अघाड़ी के घटक दल इस चुनाव में बिखरते हुए नजर आए। कांग्रेस ने 1980 सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन केवल 495 सीटें जीतीं, जिसका स्ट्राइक रेट 25 प्रतिशत रहा। उद्धव ठाकरे की पार्टी ने 1540 सीटों पर लड़कर सिर्फ 285 सीटें जीतीं। शरद पवार गुट की एनसीपी ने 1100 सीटों पर चुनाव लड़कर केवल 190 सीटें जीतीं।


नगर निगम चुनावों की तैयारी

नगर निगम चुनावों पर टिकी नजर


अब राजनीतिक चर्चाएं 15 जनवरी को होने वाले नगर निगम चुनावों पर केंद्रित हो गई हैं। बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, जबकि कांग्रेस अकेले चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रही है। उद्धव ठाकरे गुट राज ठाकरे की एमएनएस के साथ गठबंधन की कोशिश कर रहा है, लेकिन कांग्रेस के खिलाफ तल्ख बयानबाजी ने अघाड़ी की स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।