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महाराष्ट्र में ठाकरे भाइयों की ऐतिहासिक रैली: मराठी भाषा के लिए संघर्ष

मुंबई में उद्धव और राज ठाकरे ने एक ऐतिहासिक रैली में मराठी भाषा के मुद्दे पर सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने न्याय के लिए गुंडागर्दी करने की बात कही और बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह हिंदी थोपने का प्रयास कर रही है। इस रैली ने दोनों भाइयों के बीच की दूरी को कम किया है। जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और क्या कहा गया।
 

मुंबई में ऐतिहासिक रैली का आयोजन

मुंबई। शनिवार को मुंबई के वर्ली में लगभग 23 वर्षों के बाद एक महत्वपूर्ण रैली का आयोजन हुआ। उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने एक मंच पर आकर महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार को मराठी भाषा के मुद्दे पर कड़ी आलोचना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि न्याय के लिए गुंडागर्दी करनी पड़े, तो हम गुंडे हैं।


उद्धव ठाकरे का बयान

शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि यदि न्याय के लिए गुंडागर्दी करनी पड़े, तो हम ऐसा करेंगे। यह बयान उन आलोचनाओं के संदर्भ में था, जिसमें ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी न बोलने वाले फेरीवालों और दुकानदारों को धमकाने की घटनाओं पर सवाल उठाए गए थे। उद्धव ने कहा कि राज, मैं और यहां उपस्थित सभी लोग भाषाई पहचान के मुद्दे पर एकजुट हैं।


राज ठाकरे का तंज

जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो काम कर दिया फडणवीस ने

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने मंच से महाराष्ट्र सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि उद्धव और मैं 20 साल बाद एक मंच पर आए हैं। जो बालासाहेब ठाकरे नहीं कर पाए, वह देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया। उनका इशारा भाजपा सरकार के हिंदी थोपने के फैसले की ओर था, जिसने दोनों चचेरे भाइयों को फिर से एकजुट किया। राज ने चेतावनी दी कि हमारी ताकत सड़क पर है, जबकि तुम्हारी विधानसभा में है।


तीन भाषा नीति पर विरोध

तीन भाषा नीति पर क्यों विरोध?

बीजेपी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने अप्रैल में एक आदेश जारी किया था, जिसमें हिंदी को कक्षा 1 से 5 तक की तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, विरोध और राजनीतिक दबाव के चलते जून में यह आदेश वापस ले लिया गया। राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि यदि यह निर्णय स्वीकार कर लिया जाता, तो अगला कदम मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश होती।


उद्धव ठाकरे का हिंदुत्व पर बयान

उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह पूरे देश पर “हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान” का एजेंडा थोपने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हम हिंदुत्व की विचारधारा की रक्षा करेंगे, लेकिन मराठी भाषा में। उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा कि शिवसेना को तोड़कर भाजपा के साथ सत्ता पाने का उनका कदम महाराष्ट्र के साथ विश्वासघात था।