महाराष्ट्र में प्याज किसानों का विरोध: पारदर्शिता की मांग
किसानों का आरोप
महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों के एक संगठन ने शनिवार को यह आरोप लगाया कि एक केंद्रीय एजेंसी फसल की खरीद में पारदर्शिता का अभाव है, जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
विरोध प्रदर्शन की आवश्यकता
राज्य प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि किसानों को त्योहारों के दौरान भी विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि या तो निष्पक्ष खरीद सुनिश्चित की जाए या नैफेड द्वारा प्याज की खरीद को बंद किया जाए।
अनोखा विरोध प्रदर्शन
नासिक जिले के एक किसान ने पोला त्योहार के अवसर पर अपने बैलों के साथ नैफेड के खिलाफ एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। यह त्योहार बैलों और सांडों के महत्व को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है।
दिघोले ने कहा कि नैफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) कई वर्षों से बफर स्टॉक के लिए प्याज खरीद रहा है।
वित्तीय अनियमितताओं का आरोप
हालांकि, किसानों का कहना है कि इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं होती हैं, जिससे उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पाता और सालाना करोड़ों रुपये का नुकसान होता है।
किसानों ने प्याज की खरीद में पारदर्शिता और उचित कीमतों की गारंटी के लिए एक व्यवस्था बनाने की मांग की।
किसान का प्रदर्शन
किसान तात्यासाहेब पवार ने मालेगांव तहसील के धवलेश्वर में अपने बैलों पर 'नेफेड वापस जाओ' लिखकर प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य प्याज उत्पादकों की दुर्दशा को उजागर करना है, जिन्हें बफर स्टॉक खरीद में कथित भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।