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महाराष्ट्र में भाषा विवाद ने ली हिंसक मोड़, MNS कार्यकर्ताओं का हमला

महाराष्ट्र में भाषा को लेकर चल रही बहस अब हिंसक घटनाओं में बदल गई है। MNS कार्यकर्ताओं ने एक कोचिंग संचालक पर हमला किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस घटना ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। MNS प्रमुख राज ठाकरे ने हमलावरों की प्रशंसा की है, जबकि पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
 

भाषा विवाद में हिंसा का नया अध्याय

महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में भाषा को लेकर चल रही बहस अब हिंसक घटनाओं में बदलने लगी है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) एक बार फिर विवादों में घिरी हुई है। हाल ही में, मुंबई के कल्याण क्षेत्र में एक शैक्षणिक संस्थान के प्रमुख पर MNS कार्यकर्ताओं ने दिनदहाड़े हमला किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें तीन युवक एक कोचिंग संचालक को धमकाते हुए नजर आ रहे हैं।


वीडियो में, कोचिंग सेंटर के प्रमुख सिद्धार्थ चंदेल एक टेबल के पार बैठे हैं और फोन पर बात कर रहे हैं। सामने बैठे तीन युवक, जो MNS से जुड़े बताए जा रहे हैं, पहले उनसे तीखी बहस करते हैं और फिर अचानक उन पर हमला कर देते हैं। एक युवक उन्हें थप्पड़ मारता है, दूसरा उन पर स्टील की बोतल फेंकता है, और तीसरा लकड़ी की पट्टी से वार करता है। कमरे के एक कोने में कुछ छात्राएं डरी हुई बैठी हैं, जिनमें से एक इस पूरी घटना का वीडियो बना रही है।


मराठी भाषा और राजनीतिक तनाव

MNS कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कोचिंग सेंटर के संचालक अधिक फीस लेते हैं लेकिन पढ़ाई में कोई गुणवत्ता नहीं रखते और कथित तौर पर मराठी भाषा और लोगों का अपमान करते हैं। पिछले कुछ समय में MNS द्वारा की गई हिंसक घटनाओं में दुकानदारों, ऑटो चालकों और गैर-मराठी लोगों पर हमले शामिल हैं। इससे पहले मीरा रोड और विक्रोली में भी ऐसी घटनाएं सामने आई थीं। MNS प्रमुख राज ठाकरे इन घटनाओं पर चुप नहीं हैं, बल्कि हमलावरों की खुलकर प्रशंसा कर चुके हैं।


पुलिस की निष्क्रियता और राजनीतिक संरक्षण

चौंकाने वाली बात यह है कि इन हिंसक घटनाओं के बावजूद अब तक किसी भी आरोपी को सजा नहीं मिली है। पुलिस केवल तब कार्रवाई करती है जब वीडियो वायरल होता है या मीडिया का दबाव बढ़ता है। मीरा रोड की घटना में भी आरोपियों को थाने बुलाकर छोड़ दिया गया। राज्य के गृह मंत्री योगेश कदम ने कहा है कि 'जो मराठी का अपमान करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी', लेकिन हमलावरों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने की बात नहीं की गई है।