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महाराष्ट्र में मराठी भाषा विवाद: MNS नेता की गिरफ्तारी और ठाकरे भाइयों का विरोध

महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद ने तूल पकड़ लिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के एक नेता की गिरफ्तारी के साथ ही ठाकरे भाइयों ने भाजपा-फडणवीस सरकार की नीति का विरोध किया है। राज ठाकरे ने चेतावनी दी है कि यदि मराठी भाषा को दबाने की कोशिश की गई, तो उनका आंदोलन और तेज होगा। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और ठाकरे भाइयों की प्रतिक्रिया।
 

मराठी भाषा के सम्मान की मांग

महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर बढ़ते विवाद के बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के एक नेता को हाल ही में हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई तब हुई जब MNS कार्यकर्ता राज्य में मराठी भाषा के सम्मान की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे।
इससे पहले, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने मिलकर भाजपा-फडणवीस सरकार की उस नीति का विरोध किया, जिसमें सरकारी स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया गया है। दोनों ठाकरे भाई 20 वर्षों के बाद एक मंच पर आए और मराठी भाषा तथा उसकी पहचान की रक्षा के लिए आवाज उठाई। इस “मराठी विजय दिवस” रैली पर CM देवेंद्र फडणवीस ने तीखी प्रतिक्रिया दी, इसे “रुदाली भाषण” करार देते हुए कहा कि इसमें केवल सत्ता की भूख दिखाई दे रही है।
राज चंद्रगड्डे जैसे कई नेताओं को भी भाषा आंदोलनों से पहले हिरासत में लिया गया था। प्रशासन का यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने और तनाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। CM फडणवीस ने स्पष्ट किया कि वे मराठी भाषा और उसके लोगों का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मराठी की रक्षा की जा सकती है, लेकिन हिंसा और गिरफ्तारियों से समाधान नहीं निकलेगा।
राज ठाकरे ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मराठी भाषा को दबाने की कोशिश की गई, तो उनका आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने स्कूलों में हिंदी की अनिवार्यता पर आपत्ति जताते हुए सरकार से इस नीति को वापस लेने की मांग की है।