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महाराष्ट्र में संजय शिरसाट को आयकर नोटिस, राजनीतिक दबाव से किया इनकार

महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान, समाज कल्याण मंत्री संजय शिरसाट को आयकर विभाग से नोटिस मिला है। उन्होंने बताया कि विभाग ने उनकी संपत्ति में वृद्धि को लेकर सवाल उठाए हैं। शिरसाट ने कहा कि उन्हें 9 जुलाई तक जवाब देने का समय मिला है। इस बीच, उन्होंने राजनीतिक दबाव से इनकार किया है। यह मामला छत्रपति संभाजीनगर के विट्स होटल की नीलामी से भी जुड़ा है, जहां विपक्ष ने वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
 

संजय शिरसाट का आयकर विभाग से नोटिस

महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान, समाज कल्याण मंत्री संजय शिरसाट चर्चा में हैं। उन्हें आयकर विभाग से एक नोटिस प्राप्त हुआ है, जिसकी जानकारी उन्होंने मीडिया को दी। शिरसाट ने बताया कि विभाग ने उनकी संपत्ति के बारे में सवाल उठाए हैं, विशेषकर 2019 और 2024 के विधानसभा चुनावों में दाखिल किए गए शपथ पत्रों में संपत्ति में वृद्धि को लेकर।


शिरसाट का बयान

यह नोटिस 10 जुलाई 2025 को भेजा गया था। मंत्री ने कहा कि यह आयकर विभाग का कार्य है। यह नोटिस उस समय आया है जब विपक्ष ने हाल ही में संभाजीनगर में विट्स होटल की नीलामी में वित्तीय अनियमितताओं की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा, 'मुझे आयकर विभाग से नोटिस मिला है। 2019 में मेरी संपत्ति इतनी थी और 2024 में इतनी हो गई है। इस पर सवाल उठे हैं। मैंने जवाब देने के लिए 9 तारीख तक का समय मांगा है। मैं अपने 2024 के शपथ पत्र में दी गई संपत्ति की जानकारी के आधार पर जवाब दूंगा।'


बयान में बदलाव

आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर, शिरसाट ने पहले कहा था कि सांसद श्रीकांत शिंदे को भी नोटिस मिला है। लेकिन बाद में उन्होंने अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उन पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है। संजय शिरसाट ने कहा, 'एक पत्रकार ने मुझसे पूछा था कि क्या श्रीकांत शिंदे को आयकर का नोटिस मिला है और क्या मुझ पर कोई राजनीतिक दबाव है। मुझ पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है और मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि श्रीकांत शिंदे को नोटिस मिला है या नहीं।'


मामले का संदर्भ

यह मामला छत्रपति संभाजीनगर के विट्स होटल की नीलामी से भी जुड़ा है। विपक्ष ने शिरसाट के बेटे सिद्धांत और पत्नी विजया की भागीदारी पर सवाल उठाए थे। आरोप था कि होटल की बाजार कीमत 110 करोड़ रुपये थी, लेकिन इसे 67 करोड़ रुपये में खरीदा गया। बाद में शिरसाट ने इस टेंडर प्रक्रिया से पीछे हटने की घोषणा की थी। विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में उठाया और अब आयकर विभाग का नोटिस इस विवाद को और बढ़ा रहा है। हालांकि, संजय शिरसाट ने सभी आरोपों का खंडन किया है।