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महाराष्ट्र सरकार की दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना: आर्थिक सहायता का नया कदम

महाराष्ट्र सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विवाह प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है, जिसमें आर्थिक सहायता का प्रावधान है। इस योजना के तहत दिव्यांगों को शादी करने पर 1.50 लाख से 2.50 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। योजना का उद्देश्य दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और उनके प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना है। जानें इस योजना की शर्तें और आवेदन प्रक्रिया के बारे में।
 

मुख्यमंत्री की नई पहल


मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत, दिव्यांगों को विवाह करने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना में सुधार करते हुए अनुदान राशि को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और समाज में उनके प्रति नकारात्मक धारणाओं को बदलना है।


प्रोत्साहन राशि का विवरण

सरकारी आदेश के अनुसार, यदि कोई दिव्यांग व्यक्ति सामान्य व्यक्ति से विवाह करता है, तो उसे 1.50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वहीं, यदि वर और वधू दोनों दिव्यांग हैं, तो सरकार 2.50 लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी। यह राशि पति और पत्नी के संयुक्त बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से जमा की जाएगी।


योजना का उद्देश्य

इस योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कुल प्रोत्साहन राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा पांच साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में रखना अनिवार्य होगा। इससे दंपती को भविष्य में आर्थिक स्थिरता प्राप्त होगी। सरकार का मानना है कि इस पहल से दिव्यांगों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे सम्मान के साथ पारिवारिक जीवन की शुरुआत कर सकेंगे।


दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव का बयान

दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव तुकाराम मुंढे ने कहा कि समाज में दिव्यांगों के प्रति कई गलत धारणाएं बनी हुई हैं, जो उनके विवाह और पारिवारिक जीवन को प्रभावित करती हैं। कई दिव्यांग महिलाओं को दोहरी सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को बदलने और दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।


आवश्यक शर्तें

वर या वधू के पास कम से कम 40 प्रतिशत दिव्यांगता का वैध यूडीआईडी कार्ड होना आवश्यक है। दिव्यांग वर या वधू में से कम से कम एक का महाराष्ट्र का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। यह योजना केवल पहले विवाह के लिए लागू होगी। तलाकशुदा व्यक्ति तभी पात्र होगा जब उसने पहले इस योजना का लाभ न लिया हो।


अनुदान की राशि कैसे प्राप्त करें?

विवाह का कानूनी पंजीकरण आवश्यक होगा और शादी के एक साल के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन संबंधित जिला कार्यालय में जमा करना होगा। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति लाभार्थियों का चयन करेगी। इसके बाद स्वीकृत सूची दिव्यांग कल्याण आयुक्त पुणे को भेजी जाएगी, जहां से अनुदान की राशि जारी की जाएगी।