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माइकल क्लार्क की सलाह: कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल करें

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट श्रृंखला में भारत को पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने टीम इंडिया को चेतावनी दी है कि यदि वे श्रृंखला जीतना चाहते हैं, तो कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल करना होगा। क्लार्क का मानना है कि कुलदीप एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हो सकते हैं, खासकर इंग्लैंड के आक्रामक खेल के खिलाफ। पहले टेस्ट में कुलदीप को मौका नहीं मिला, जबकि रवींद्र जडेजा की गेंदबाजी प्रभावी नहीं रही।
 

IND vs ENG: टेस्ट सीरीज में भारत की चुनौती

IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला चल रही है। पहला टेस्ट लीड्स में आयोजित किया गया था, जहां भारतीय टीम ने पांच शतक बनाए। इसके बावजूद, भारत को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार का मुख्य कारण भारतीय गेंदबाजों का कमजोर प्रदर्शन रहा। अब, इस हार के बाद, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने टीम इंडिया को चेतावनी दी है। उनका मानना है कि यदि भारत को इंग्लैंड में श्रृंखला जीतनी है, तो कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल करना आवश्यक है। कुलदीप भारत के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।


क्लार्क का कुलदीप यादव के लिए समर्थन

माइकल क्लार्क ने इस खिलाड़ी की वकालत


क्लार्क ने बियॉन्ड 23 पॉडकास्ट पर कहा कि गेंदबाजी के संदर्भ में वह किसी एक खिलाड़ी पर जोर नहीं देना चाहते, लेकिन उनका मानना है कि कुलदीप यादव को खेलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक स्पष्ट निर्णय है। कुलदीप एक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं और इस टेस्ट में उन्होंने जो गेंदबाजी की है, उससे कहीं अधिक प्रदर्शन कर सकते थे।


उन्होंने आगे कहा कि मैं कुलदीप यादव को खेलने के हर अवसर की तलाश में रहूंगा। इंग्लैंड के लिए कुलदीप के खिलाफ खेलना चुनौतीपूर्ण होगा। यदि कुलदीप अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर हैं, तो यह श्रृंखला का एक निर्णायक क्षण हो सकता है। इंग्लैंड आक्रामक खेलना पसंद करता है, और जब आप आक्रामक होते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि गेंद किस दिशा में घूम रही है। यदि पिच से थोड़ी मदद मिलती है, तो कुलदीप अपनी सभी प्रकार की गेंदबाजी करने में सक्षम होंगे।


कुलदीप यादव को नहीं मिला मौका

कुलदीप यादव को नहीं मिला है मौका


पहले टेस्ट में कुलदीप यादव को खेलने का अवसर नहीं मिला। भारतीय टीम ने केवल एक स्पिनर, रवींद्र जडेजा को मौका दिया था, जिनकी गेंदबाजी प्रभावी नहीं रही। उन्होंने पहली पारी में 0 और दूसरी पारी में केवल 1 विकेट लिया। संभवतः उनकी खराब गेंदबाजी के कारण भारतीय टीम पहले टेस्ट में जीत नहीं हासिल कर सकी।