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मिचेल स्टार्क ने IPL 2025 में भारत न लौटने का कारण बताया

ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने IPL 2025 में भारत न लौटने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस निर्णय के पीछे की चिंताओं और दिल्ली कैपिटल्स के प्रति अपनी वफादारी के बारे में बताया। स्टार्क की अनुपस्थिति ने दिल्ली की टीम पर नकारात्मक प्रभाव डाला, जिससे उनकी प्रदर्शन में कमी आई। जानें इस निर्णय के पीछे की पूरी कहानी और स्टार्क की क्रिकेट यात्रा के बारे में।
 

IPL 2025: मिचेल स्टार्क का निर्णय

IPL 2025: ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के पुनः आरंभ होने के बाद भारत वापस न लौटने के अपने निर्णय के बारे में जानकारी दी है। आईपीएल 2025 को एक सप्ताह के लिए स्थगित करना पड़ा था, जब पाकिस्तान ने भारत के विभिन्न हिस्सों पर हमले किए थे. 

हालांकि, दोनों देशों के बीच युद्धविराम के बाद 17 मई से टूर्नामेंट फिर से शुरू हुआ। इस दौरान कई खिलाड़ियों ने भारत लौटने का निर्णय नहीं लिया, जिनमें दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलने वाले स्टार्क भी शामिल थे. 


भारत न लौटने का कारण

मिचेल स्टार्क ने बताया कि भारत में हुई घटनाओं ने उनके निर्णय को प्रभावित किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया लौटने के बाद रेड-बॉल क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया क्योंकि उनकी टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल 2025 की तैयारी में थी। स्टार्क ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से बातचीत में कहा, "मैं अपने निर्णय से संतुष्ट हूं। भारत में जो कुछ हुआ, उससे मेरे मन में कई सवाल और चिंताएं थीं। स्थिति को देखते हुए मैंने भारत न लौटने का निर्णय लिया और रेड-बॉल क्रिकेट पर ध्यान दिया।"


दिल्ली कैपिटल्स के प्रति वफादारी

स्टार्क ने यह भी स्पष्ट किया कि वह दिल्ली कैपिटल्स के प्रति पूरी तरह समर्पित थे। उन्होंने कहा कि वह ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं जो नीलामी में चुने जाने के बाद टूर्नामेंट से हट जाएं। लेकिन इस बार की परिस्थितियां असामान्य थीं। स्टार्क ने कहा, "मैं दिल्ली कैपिटल्स के साथ पूरी तरह जुड़ा हुआ हूं। मैंने कभी नीलामी के बाद टूर्नामेंट छोड़ने का निर्णय नहीं लिया, लेकिन इस बार हालात अलग थे।"


दिल्ली कैपिटल्स पर पड़ा असर

मिचेल स्टार्क दिल्ली कैपिटल्स की गेंदबाजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उन्होंने 10 मैचों में 26.14 की औसत से 14 विकेट लिए थे। उनके भारत न लौटने का असर दिल्ली की टीम पर स्पष्ट रूप से देखा गया। टूर्नामेंट के अंतिम चरण में दिल्ली केवल एक मैच जीत सकी और तीन में से दो मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। स्टार्क की अनुपस्थिति ने उनकी गेंदबाजी को कमजोर कर दिया, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।