×

मिडिल ईस्ट में बढ़ता संघर्ष: इजरायल और ईरान के बीच टकराव

मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले और ईरान की जवाबी कार्रवाई ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस टकराव के कारण कई देशों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए हैं। जानें इस संकट का विस्तार और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
 

मिडिल ईस्ट में युद्ध की लपटें

मिडिल ईस्ट एक बार फिर से युद्ध की चपेट में आ गया है। इजरायल और ईरान के बीच हाल ही में शुरू हुआ संघर्ष अब एक बड़े क्षेत्रीय विवाद की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। यह टकराव केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके प्रभाव पूरे मिडिल ईस्ट और वैश्विक स्तर पर महसूस किए जा रहे हैं। इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए हमलों ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है, जबकि ईरान ने भी इजरायल के प्रमुख शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं। इस बढ़ते तनाव के कारण मिडिल ईस्ट के कई देशों ने अपने हवाई क्षेत्र और हवाई अड्डों को बंद कर दिया है, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए हैं.


इजरायल के हवाई हमले

शुक्रवार की सुबह, इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई शहरों में बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। इन हमलों का मुख्य लक्ष्य ईरान का परमाणु कार्यक्रम और सैन्य ठिकाने थे। इजरायल का दावा है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम उसके लिए खतरा बन चुका है। इजरायली सेना ने नतांज और फोर्डो जैसी प्रमुख परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया, जिससे ईरान को भारी नुकसान होने की खबरें आई हैं। इन हमलों में कई वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं, जिसे ईरान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.


ईरान की जवाबी कार्रवाई

ईरान ने भी इजरायल के हमलों का जवाब देने में देर नहीं की। शुक्रवार रात को, ईरान ने 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस' के तहत इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। इन हमलों का केंद्र इजरायल का प्रमुख शहर तेल अवीव रहा, जहां भारी तबाही की खबरें आई हैं। तेल अवीव और यरुशलम में हवाई हमले के सायरन बजने से लाखों लोग बंकरों में शरण लेने को मजबूर हुए। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली, आयरन डोम और डेविड स्लिंग ने कई मिसाइलों को रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ मिसाइलें रिहायशी इलाकों में भी गिरीं.


डोमिनोज़ प्रभाव: मिडिल ईस्ट में फैलता संकट

विशेषज्ञों का मानना है कि यह युद्ध अब केवल इजरायल और ईरान तक सीमित नहीं है। इसका प्रभाव पूरे मिडिल ईस्ट पर पड़ रहा है, जिसे 'डोमिनोज़ प्रभाव' के रूप में देखा जा रहा है। इस टकराव के कारण क्षेत्र के कई देशों ने सुरक्षा कारणों से अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं। जॉर्डन, इराक और ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया है, जबकि कई अन्य देशों ने भी उड़ानों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके परिणामस्वरूप एयर इंडिया, इंडिगो, और अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस को अपनी उड़ानें रद्द करनी पड़ीं या उनके मार्ग बदलने पड़े। इससे हजारों यात्री विभिन्न हवाई अड्डों पर फंस गए हैं.