मुंबई एयरपोर्ट पर जीवों की तस्करी का मामला, भारतीय नागरिक गिरफ्तार
मुंबई एयरपोर्ट पर तस्करी का खुलासा
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (CSMI) पर कस्टम विभाग ने एक चौंकाने वाली घटना का पर्दाफाश किया है। सोमवार को बैंकॉक से लौटे एक भारतीय नागरिक को उसकी संदिग्ध गतिविधियों के कारण रोका गया, जिसके बाद उसकी घबराहट ने अधिकारियों का ध्यान खींचा।
जब कस्टम अधिकारियों ने उसके सामान की जांच की, तो उन्हें एक असामान्य दृश्य देखने को मिला। उसके बैग में विदेशी और प्रतिबंधित जीव-जंतु तथा पक्षियों की पूरी 'चिड़ियाघर' छिपाई गई थी। इनमें से कुछ जीव जीवित थे, जबकि कई मृत पाए गए।
बैग में क्या-क्या था?
बैग में पाए गए जीवों की सूची
- 80 इगुआना – जिनमें से 50 जीवित और 30 मृत थे। (CITES अपेंडिक्स-II और वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत शेड्यूल IV में सूचीबद्ध)
- 1 ब्राचिपेल्मा टारेंटुला – दुर्लभ प्रजाति की मकड़ी (CITES अपेंडिक्स-II में सूचीबद्ध)
- 1 चाको गोल्डन नी टारेंटुला – विदेशी प्रजाति, हालांकि CITES में लिस्टेड नहीं है
- 6 ल्यूसिस्टिक शुगर ग्लाइडर – सफेद रंग के दुर्लभ उड़ने वाले जीव
- 1 हनी बियर (किंकाजू) – होंडुरास के लिए CITES अपेंडिक्स-III में सूचीबद्ध
- 2 ब्राजीलियन चेरी हेड टॉर्टॉयज – विदेशी कछुए (CITES अपेंडिक्स-II व शेड्यूल IV में)
- 1 डेड फायर-टेल सनबर्ड – वाइल्डलाइफ एक्ट की शेड्यूल-I में सूचीबद्ध
- 1 डेड पर्पल थ्रोटेड सनबर्ड और 2 क्रेस्टेड फिंचबिल – विदेशी पक्षी
कस्टम्स की कार्रवाई
मुंबई कस्टम्स जोन-III की टीम ने सभी जानवरों और पक्षियों को जब्त कर लिया है। आरोपी को कस्टम्स एक्ट 1962 के तहत गिरफ्तार किया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है।
मामला क्यों है गंभीर?
भारत के वाइल्डलाइफ (प्रोटेक्शन) एक्ट, 1972 में हाल ही में हुए संशोधन के बाद कई विदेशी जीवों को संरक्षण प्रदान किया गया है। CITES (Convention on International Trade in Endangered Species) के नियमों के अनुसार, इन प्रजातियों का बिना अनुमति व्यापार करना अपराध है।
खतरनाक जीवों के साथ पकड़ा गया यात्री
एक सप्ताह पहले, थाईलैंड से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक भारतीय नागरिक को भी गिरफ्तार किया गया था। सीमा शुल्क अधिकारियों ने उसे 48 जहरीले सांपों और पांच कछुओं के साथ पकड़ा था। जब्त किए गए जीवों में खतरनाक वाइपर प्रजाति के सांप और संरक्षित कछुए शामिल थे।