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मुंबई में फर्जी IAS अधिकारी की गिरफ्तारी, 36 युवाओं से 2.88 करोड़ की ठगी

मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को IAS अधिकारी बताकर 36 युवाओं से 2.88 करोड़ रुपये की ठगी की। आरोपी नीलेश राठौड़ ने फर्जी नियुक्ति पत्र और मेडिकल जांच के दस्तावेज तैयार किए थे। जब पीड़ितों को नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने आयकर विभाग से संपर्क किया और धोखाधड़ी का पता चला। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहराई से जांच जारी है।
 

फर्जीवाड़े का खुलासा

मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े धोखाधड़ी मामले का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो खुद को आईएएस अधिकारी बताकर 36 नौकरी के इच्छुक युवाओं से 2.88 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका था। आरोपी की पहचान 35 वर्षीय नीलेश राठौड़ के रूप में हुई है, जो सोलापुर जिले के बार्शी का निवासी है। वह स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) में उप सचिव होने का दावा कर लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देता था।


पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि उसने आयकर विभाग में इंस्पेक्टर और सहायक जैसे पदों के लिए फर्जी भर्तियों का झांसा देकर लाखों रुपये वसूले।


सहार पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318, 319, 336, 338 और 340 के तहत मामला दर्ज किया गया है।


शिकायत और ठगी की प्रक्रिया

यह मामला तब उजागर हुआ जब नवी मुंबई के निवासी संतोष खरपुड़े ने शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने उनसे और अन्य कई उम्मीदवारों से बड़ी रकम वसूली। सहायक पद के लिए 4 लाख और निरीक्षक पद के लिए 6 लाख रुपये की मांग की गई थी।


नीलेश राठौड़ ने मई 2023 में अंधेरी ईस्ट के एक होटल में इंटरव्यू का नाटक किया और हर उम्मीदवार से लगभग 10 लाख रुपये वसूल किए। आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी किए, सरकारी अस्पतालों में जाली मेडिकल जांच कराई और पुलिस वेरिफिकेशन के नकली दस्तावेज भी उपलब्ध कराए ताकि पूरी प्रक्रिया वास्तविक लगे।


पीड़ितों की शिकायत और गिरफ्तारी

कुछ महीनों तक जब पीड़ितों को नियुक्ति पत्र नहीं मिले, तो उन्होंने आयकर विभाग से संपर्क किया और पता चला कि ऐसी कोई भर्ती प्रक्रिया चल नहीं रही है। जब पीड़ितों ने राठौड़ से जवाब मांगा, तो उसने पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन बाद में कॉल और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। इसके बाद सहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ और ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की।


जांच में यह भी सामने आया कि राठौड़ ने कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और यह तक दावा किया कि वह दिल्ली में अपने संपर्कों के जरिए भारतीय सेना में भी नौकरी दिलवा सकता है। मुंबई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है और मामले की गहराई से जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के साथ और लोग भी इस ठगी में शामिल थे।