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मुंबई मोनोरेल ट्रेन का ट्रायल रन, झुकने से बची बड़ी दुर्घटना

मुंबई के वडाला डिपो में एक मोनोरेल ट्रेन के ट्रायल रन के दौरान झुकने की घटना हुई, लेकिन राहत की बात यह है कि कोई यात्री घायल नहीं हुआ। तकनीकी टीमें मौके पर पहुंच गईं और चालक दल के दो सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशंस लिमिटेड ने बताया कि यह घटना सिग्नलिंग सिस्टम के परीक्षण के दौरान हुई। जानें इस घटना के पीछे की वजह और पिछले हादसों के बारे में।
 

मोनोरेल ट्रेन का झुकना

मुंबई । बुधवार सुबह वडाला डिपो में वडाला-जीटीबी नगर स्टेशन के पास एक मोनोरेल ट्रेन ट्रायल के दौरान अचानक झुक गई। घटना के तुरंत बाद मुंबई फायर ब्रिगेड और महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तकनीकी टीमें मौके पर पहुंच गईं। राहत की बात यह रही कि उस समय ट्रेन में कोई यात्री नहीं था और किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।


घटना का विवरण

सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें ट्रेन हल्की झुकी हुई नजर आ रही है। मुंबई अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना सुबह लगभग 9 बजे हुई। मोनोरेल में मौजूद चालक दल के दो सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह हादसा सिग्नलिंग सिस्टम के परीक्षण के दौरान हुआ।


हादसे का कारण

क्या है वजह?

महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशंस लिमिटेड ने इस घटना के बारे में बताया कि यह सिस्टम अपग्रेडेशन के तहत चल रहे एडवांस सिस्टम ट्रायल के दौरान हुआ। इन ट्रायल्स में नई Communication-Based Train Control (CBTC) सिग्नलिंग तकनीक की जांच की जा रही थी, जिसे Medha SMH Rail Pvt. Ltd. द्वारा लागू किया जा रहा है।

संस्थान ने कहा कि ये परीक्षण पूरी तरह से सुरक्षित वातावरण में और सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य अत्यधिक परिस्थितियों का अनुकरण करके सिस्टम की मजबूती और तैयारी का मूल्यांकन करना है। इस दौरान ट्रेन में केवल दो तकनीकी कर्मचारी मौजूद थे, जिनमें एक ऑपरेटर भी शामिल था। उल्लेखनीय है कि मुंबई मोनोरेल की यात्री सेवाएं पहले से ही 20 सितंबर से अस्थायी रूप से निलंबित हैं। यह कदम लगातार सामने आ रही तकनीकी खामियों और प्रणाली के उन्नयन कार्य के लिए उठाया गया था।


पिछले हादसे

इससे पहले, मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बार-बार हो रही तकनीकी गड़बड़ियों की विस्तृत जांच के लिए एक समिति गठित की थी। पिछले महीनों में 20 अगस्त और 15 सितंबर को आई तकनीकी खराबियों के चलते सैकड़ों यात्री अलग-अलग स्थानों पर दो मोनोरेल ट्रेनों में फंस गए थे।

20 अगस्त 2025 को, भारी बारिश के दौरान चेंबूर और भक्ति पार्क स्टेशन के बीच मोनोरेल खराब हो गई थी, जिससे 500 से अधिक यात्री ट्रेन में फंस गए थे। 15 सितंबर 2025 को, एक अन्य मोनोरेल ट्रेन में सॉफ्टवेयर खराबी आने से वडाला स्टेशन के पास 17 यात्रियों की आपातकालीन निकासी करनी पड़ी थी। उस दिन सेवाएं दो घंटे से अधिक बाधित रहीं।