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मेरठ में कंप्यूटर सेंटर के नाम पर सेक्स रैकेट का भंडाफोड़

मेरठ में पुलिस ने एक सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो एक कंप्यूटर सेंटर के रूप में संचालित हो रहा था। छापेमारी के दौरान कई युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि यह स्थान वास्तव में एक स्पा सेंटर था, जहां अवैध गतिविधियाँ चल रही थीं। पुलिस ने रैकेट के संचालक और अन्य आरोपियों को हिरासत में लिया है। इस मामले ने समाज में चिंता और शर्मिंदगी का माहौल पैदा कर दिया है।
 

मेरठ में सेक्स रैकेट का खुलासा

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो एक कंप्यूटर सेंटर के रूप में संचालित हो रहा था।


यह मामला नौचंदी थाना क्षेत्र के सम्राट हेवन्स के पास स्थित एक कथित कंप्यूटर प्रशिक्षण संस्थान से संबंधित है। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की और कई युवक-युवतियों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा।


स्पा सेंटर का असली खेल

कंप्यूटर सेंटर नहीं, स्पा सेंटर का खेल


इस छापेमारी का नेतृत्व सिविल लाइन क्षेत्राधिकारी (सीओ) अभिषेक तिवारी ने किया। उनके साथ नौचंदी, मेडिकल और सिविल लाइन थानों की टीमें भी थीं।


जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जिस स्थान को कंप्यूटर क्लासेस के नाम पर प्रचारित किया जा रहा था, वास्तव में वहां एक स्पा सेंटर चल रहा था, जहां सेक्स रैकेट का धंधा हो रहा था। पुलिस के पहुंचते ही वहां हड़कंप मच गया। कई लोग भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने सभी को मौके पर ही पकड़ लिया।


सीओ का बयान

सीओ ने बताई पूरी बात


सीओ अभिषेक तिवारी ने कहा, “हमें कई स्रोतों से जानकारी मिली थी कि इस कंप्यूटर सेंटर के पीछे सेक्स रैकेट चल रहा है। हमने जांच की और सभी बातें सही पाईं।” छापे में पुलिस ने 8 युवतियों, एक रिसेप्शनिस्ट और रैकेट के मुख्य संचालक राजवीर समेत तीन अन्य पुरुषों को हिरासत में लिया है।


आगे की जांच

और खुलासे होने की संभावना


पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार, इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है और जल्द ही उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि लड़कियों को दूर-दूर से बुलाया जाता था और ग्राहकों के लिए अय्याशी की व्यवस्था की जाती थी। संचालक ग्राहकों से पैसे वसूलता था, जिनमें से कुछ हिस्सा लड़कियों को मिलता था।


समाज पर प्रभाव

समाज के लिए शर्मिंदगी


यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चिंताजनक है, बल्कि समाज के लिए भी शर्मिंदगी का कारण है। कंप्यूटर शिक्षा जैसे नेक कार्य की आड़ में इस तरह का गैरकानूनी धंधा न केवल युवाओं को गुमराह करता है, बल्कि पूरे समाज को कलंकित करता है।