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मेलबर्न में हमास के समर्थन में भड़काऊ ग्राफिटी ने मचाई हलचल

मेलबर्न में 7 अक्टूबर को हमास के समर्थन में भड़काऊ ग्राफिटी ने विवाद पैदा कर दिया है। इस घटना ने उस दिन को और भी संवेदनशील बना दिया, जब यहूदी समुदाय हमले की भयावह यादों को ताजा कर रहा था। नेताओं ने इस ग्राफिटी को घृणित और अपमानजनक बताया है। जानें इस पर क्या प्रतिक्रियाएँ आई हैं और कैसे यह घटना ऑस्ट्रेलिया में चर्चा का विषय बनी है।
 

हमास के हमले की दूसरी वर्षगांठ पर विवादित ग्राफिटी

दो साल पहले, हमास के आतंकियों ने अचानक रॉकेटों की बौछार के साथ दक्षिणी इजरायल में घुसपैठ की थी, जिसमें सैन्य ठिकानों, कृषि समुदायों और एक संगीत समारोह पर हमला किया गया था। इस हमले में लगभग 1,200 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकांश आम नागरिक थे, और 251 अन्य का अपहरण किया गया था।


7 अक्टूबर 2023 को हुए इस नरसंहार की दूसरी वर्षगांठ पर मेलबर्न में एक विवादास्पद घटना ने सभी को चौंका दिया। शहर के फिट्जरॉय क्षेत्र में एक प्रमुख बिलबोर्ड पर 'ग्लोरी टू हमा-स' (हमा-स को सलाम) लिखा गया था, जबकि वेस्टगार्थ क्षेत्र की दीवार पर 'ऑक्ट 7 डू इट अगेन' (7 अक्टूबर दोहराओ) जैसे भड़काऊ शब्दों से सजाया गया था।


ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना उस दिन हुई जब यहूदी समुदाय हमले की भयावह यादों को ताजा कर रहा था। मेलबर्न के गोल्डस्टोन गैलरी में कलाकार नीना सैंडजे द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी में सायरन बजाकर उन 1,200 शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई, जहां नोवा म्यूजिक फेस्टिवल पर हमास के हमले की भयानक घटनाओं को चित्रित किया गया।




नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया


विक्टोरिया की प्रीमियर जैसिंटा एलन ने इसे 'गहराई से गलत और अपमानजनक' करार दिया, यह कहते हुए कि आज का दिन शोक और स्मृति का होना चाहिए, न कि हिंसा का उत्सव। उन्होंने कहा, 'यह शांति की भावना के विपरीत है। हमें अपने यहूदी समुदाय के सदस्यों को गले लगाना चाहिए न कि उन्हें और अधिक दर्द देना।'


ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने ग्राफिटी को 'घृणित' बताया और इसे आतंकी प्रचार का एक कृत्य कहा। उन्होंने आश्वासन दिया कि विक्टोरियन पुलिस फेडरल एजेंसियों के साथ मिलकर दोषियों का पता लगाएगी। उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने एबीसी रेडियो पर कहा कि इस घटना की जांच निश्चित रूप से आतंकवादी अपराध के रूप में की जाएगी। 'हमास एक आतंकी संगठन है, और ऐसी कार्रवाइयां विभाजनकारी हैं।'