×

मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर हुई महत्वपूर्ण बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई फोन वार्ता में आतंकवाद, QUAD और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बातचीत में मोदी ने ट्रंप को भारत की आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाइयों के बारे में विस्तार से बताया। दोनों नेताओं ने भविष्य में मिलने का निर्णय लिया और वैश्विक मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। जानें इस वार्ता के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
 

मोदी-ट्रंप की बातचीत का सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात G7 शिखर सम्मेलन के दौरान निर्धारित थी।


 


हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी अमेरिका लौटना पड़ा, जिससे यह मुलाकात संभव नहीं हो सकी।


 


इसके बाद, ट्रंप के अनुरोध पर, आज दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई।


 


यह बातचीत लगभग 35 मिनट तक चली।


 


22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, ट्रंप ने मोदी को फोन कर शोक संवेदना व्यक्त की थी और आतंकवाद के खिलाफ समर्थन दिया था।


 


यह दोनों नेताओं के बीच पहली बातचीत थी।


 


इसलिए, मोदी ने ट्रंप को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी।


 


मोदी ने ट्रंप को बताया कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ता को स्पष्ट किया है।


 


उन्होंने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।


 


भारत का यह एक्शन बहुत ही संतुलित, सटीक और गैर-उत्तेजक था।


 


इसके साथ ही, भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा।


 


9 मई की रात को उपराष्ट्रपति वेंस ने मोदी को फोन किया और कहा कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है।


 


मोदी ने उन्हें स्पष्ट शब्दों में बताया कि यदि ऐसा हुआ, तो भारत पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा।


 


9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का भारत ने सशक्त जवाब दिया और पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान पहुंचाया।


 


भारत के जवाब के कारण पाकिस्तान को भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने का आग्रह करना पड़ा।


 


मोदी ने ट्रंप को बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या अमेरिका द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता पर कोई चर्चा नहीं हुई थी।


 


सैन्य कार्रवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, और यह पाकिस्तान के आग्रह पर हुई थी।


 


मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की है, न करता है, और न ही कभी करेगा।


 


इस विषय पर भारत में राजनीतिक एकमत है।


 


राष्ट्रपति ट्रंप ने मोदी द्वारा बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया।


 


मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी युद्ध नहीं, बल्कि युद्ध के रूप में देखता है, और ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।


 


ट्रंप ने मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से लौटते समय अमेरिका में रुक सकते हैं।


 


पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के कारण, मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त की।


 


दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मिलने का प्रयास करने का निर्णय लिया।


 


ट्रंप और मोदी ने इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की।


 


रूस-यूक्रेन संघर्ष पर दोनों ने सहमति जताई कि शांति के लिए दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत आवश्यक है।


 


इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के संदर्भ में, दोनों नेताओं ने अपने दृष्टिकोण साझा किए और QUAD की महत्वपूर्ण भूमिका का समर्थन किया।


 


QUAD की अगली बैठक के लिए, मोदी ने ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार करते हुए कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं।