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मोहन भागवत का आत्मनिर्भर भारत का संदेश: सुरक्षा में मजबूती की आवश्यकता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में एक समारोह में 'ऑपरेशन सिन्दूर' का जिक्र करते हुए भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पाकिस्तान और चीन के खतरे का उल्लेख किया और समाज में एकता के महत्व को बताया। भागवत ने कहा कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकता है, ताकि देश को दुश्मनों से सुरक्षित रखा जा सके।
 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख का संबोधन

नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के विकास वर्ग (द्वितीय) के समापन समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'ऑपरेशन सिन्दूर' का उल्लेख करते हुए कहा कि पहलगाम की घटना के बाद लोगों में गहरा रोष था। उन्होंने बताया कि लोग चाहते थे कि पाकिस्तान को उचित सबक सिखाया जाए, और ऐसा किया भी गया। दुश्मन को सबक सिखाने के दौरान हमें अपने रक्षा अनुसंधान और तैयारियों पर संतोष मिला, साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों में एकता का जो दृश्य दिखाई दिया, वह भी संतोषजनक था। यदि यह एकता स्थायी होती है, तो यह देश के लिए एक बड़ा संबल साबित होगा। भागवत ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम सत्य और अहिंसा का पालन करने वाले देश हैं, और हमारा कोई दुश्मन नहीं है। लेकिन दुनिया में दुष्ट लोग भी होते हैं, जिसके लिए हमें सजग रहना होगा।


उन्होंने पहलगाम नरसंहार से पहले पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर के एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि जब तक द्विराष्ट्रवाद का भूत कायम रहेगा, तब तक देश पर खतरा बना रहेगा। बार-बार सबक सिखाने के बावजूद यह खतरा समाप्त नहीं होगा। भागवत ने 'ऑपरेशन सिन्दूर' के दौरान पाकिस्तान के साथ खड़े देशों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा की गई कार्रवाई के बाद राजनीतिक वर्ग में आपसी समझ बनी रहनी चाहिए। आतंकी हमले के बाद राजनीतिक वर्ग ने एकता का संदेश दिया, जो जारी रहना चाहिए।


संघ प्रमुख ने वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कहा कि भारत को सुरक्षा के मामलों में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है। 'ऑपरेशन सिन्दूर' के दौरान पाकिस्तान और चीन की निकटता को देखते हुए उनकी बात को गंभीरता से लेना आवश्यक है। बांग्लादेश में भी हिंदू और भारत विरोधी माहौल के चलते, यह स्पष्ट है कि भारत को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ सैन्य दृष्टि से भी मजबूत होना चाहिए। एक कमजोर देश दुश्मनों को आकर्षित करता है, और भारत दुश्मन देशों से घिरा हुआ है। इसलिए, एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकता है।



-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक।