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मोहन भागवत का बड़ा बयान: हिंदू समाज के बिना दुनिया का अस्तित्व नहीं

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में अपने दौरे के दौरान एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि हिंदू समाज नहीं रहेगा, तो दुनिया का अस्तित्व भी नहीं रहेगा। उन्होंने सामाजिक एकता पर जोर देते हुए बताया कि धर्म का सही मार्गदर्शन हिंदू समाज ही प्रदान करता है। भागवत ने यह भी कहा कि भारत एक अमर सभ्यता है, जबकि अन्य सभ्यताएँ समाप्त हो गई हैं। जानें उनके विचार और संदेश के बारे में अधिक जानकारी।
 

आरएसएस प्रमुख का मणिपुर दौरा

मोहन भागवत का बयान: आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को मणिपुर में तीन दिवसीय यात्रा के दौरान सामाजिक एकता का आह्वान किया। उन्होंने बैठक में कहा कि यदि हिंदू समाज नहीं रहेगा, तो दुनिया का अस्तित्व भी नहीं रहेगा, क्योंकि धर्म का सही अर्थ और दिशा समय-समय पर हिंदू समाज ही प्रदान करता है।

इंफाल में जनजातीय नेताओं के साथ चर्चा करते हुए भागवत ने कहा, 'परिस्थितियों का विचार सभी को करना चाहिए। परिस्थितियाँ आती हैं और जाती हैं। विभिन्न देशों पर कई प्रकार की परिस्थितियाँ आईं और गईं, जिनमें से कुछ समाप्त हो गए। यूनान, मिस्र और रोम जैसे देश मिट गए हैं। लेकिन हमारी हस्ती मिटने वाली नहीं है।'

उन्होंने आगे कहा, 'भारत एक अमर समाज और सभ्यता का प्रतीक है। अन्य सभ्यताएँ आईं, चमकीं और चली गईं। हमने इनका उदय और अस्त होते देखा है।' आरएसएस ने यह भी कहा कि 'हम (भारतीय संस्कृति) अभी भी मौजूद हैं और रहेंगे, क्योंकि हमने अपने समाज का एक मजबूत नेटवर्क स्थापित किया है। यदि हिंदू समाज नहीं रहेगा, तो दुनिया का अस्तित्व भी नहीं रहेगा। धर्म का सही मार्गदर्शन हिंदू समाज ही देता है।' भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि आरएसएस किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज को समृद्ध करना है।