×

मोहन भागवत की पाकिस्तान को चेतावनी: भारत का जवाब देने की क्षमता पर जोर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है, यह कहते हुए कि भारत उसके उकसावे का प्रभावी जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने बेंगलुरु में एक व्याख्यान में कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी नकारात्मक गतिविधियों से नहीं रुका, तो उसे समझ में आएगा कि भारत से टकराने के बजाय सहयोग करना बेहतर है। भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि RSS हमेशा तिरंगे का सम्मान करता है और सभी समुदायों का स्वागत करता है। जानें उनके विचार और संघ की भूमिका के बारे में।
 

मोहन भागवत ने पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी है, यह कहते हुए कि भारत उसके उकसावे का प्रभावी उत्तर देने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि भारत को उसी भाषा में बात करनी चाहिए, जिसे पाकिस्तान समझता है।


भागवत का पाकिस्तान पर प्रहार

भागवत ने कहा कि यदि पाकिस्तान अपनी नकारात्मक गतिविधियों से नहीं रुका, तो एक दिन उसे यह समझ में आएगा कि भारत से टकराने के बजाय सहयोग करना उसके लिए अधिक लाभकारी है। बेंगलुरु में आयोजित '100 इयर्स ऑफ़ संघ जर्नी: न्यू होराइजन्स' नामक व्याख्यान श्रृंखला में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान केवल एक ही भाषा समझता है। हमें हर बार उन्हें सख्त जवाब देना होगा ताकि वे अपनी गलतियों पर पछताएं।


भारत की शांति की इच्छा

उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा शांति की कामना करता है, लेकिन अगर पाकिस्तान शांति को भंग करता है, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। भागवत ने यह स्पष्ट किया कि भारत कभी पहले हमला नहीं करता, लेकिन अगर कोई हमारी शांति को भंग करेगा, तो हम उसे बख्शेंगे नहीं। उन्होंने 1971 के युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान को अपनी 90,000 की सेना भारत को सौंपनी पड़ी थी।


ध्वज का सम्मान

राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में पूछे गए सवाल पर भागवत ने कहा कि RSS हमेशा तिरंगे का सम्मान करता है। उन्होंने बताया कि 1933 में जब राष्ट्रीय ध्वज पर चर्चा हुई थी, तो समिति ने पारंपरिक भगवा रंग का सुझाव दिया था, लेकिन गांधीजी के सुझाव पर तिरंगे का चयन किया गया। दोनों, भगवा और तिरंगा, हमारे लिए सम्मान के प्रतीक हैं।


संघ का स्वागत

भागवत ने कहा कि संघ सभी समुदायों के लोगों का स्वागत करता है, बशर्ते वे खुद को भारत माता का पुत्र मानें। उन्होंने कहा कि मुस्लिम, ईसाई या किसी अन्य समुदाय के लोग शाखा में आते हैं, लेकिन वहां जाति या धर्म का कोई सवाल नहीं होता। हम सभी भारत माता की संतान हैं।


RSS की वैधता

मोहन भागवत ने यह भी कहा कि RSS 1925 से एक वैध संगठन है। उन्होंने बताया कि संगठन पर तीन बार प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन हर बार अदालत ने इसे वैध करार दिया। हमारा अस्तित्व संविधान के दायरे में है और हमें किसी पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।