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मोहाली में रिश्वत मामले में हेड कांस्टेबल को चार साल की सजा

मोहाली की अदालत ने हेड कांस्टेबल सुखविंदर सिंह को रिश्वत मांगने के आरोप में चार साल की सजा सुनाई है। विजिलेंस ब्यूरो ने उसे रंगे हाथों पकड़ा था। अदालत ने 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ सहयोग की अपील की गई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कैसे हुई गिरफ्तारी।
 

मोहाली की अदालत का फैसला


मोहाली की अदालत ने 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया


चंडीगढ़/मोहाली से मिली जानकारी के अनुसार, विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत मोहाली के हेड कांस्टेबल सुखविंदर सिंह को रंगे हाथों पकड़ा। अदालत ने उसे चार साल की कठोर सजा और 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि सुखविंदर ने जमानत दिलाने के लिए शिकायतकर्ता से 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।


आरोपी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया

प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपी को 3,000 रुपए की रिश्वत देते समय उसकी बातचीत को रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद, विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और सरकारी गवाहों की मौजूदगी में सुखविंदर के पास से रिश्वत की राशि बरामद की और उसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया।


भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता से सहयोग की अपील

विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने आम जनता से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या बिचौलिए किसी काम के लिए रिश्वत मांगता है, तो लोग सरकार द्वारा जारी टॉल फ्री नंबर पर शिकायत कर सकते हैं।


उन्होंने यह भी बताया कि शिकायत करने वाले की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का सपना है कि पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाए, और इसके लिए जनता का सहयोग आवश्यक है।