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मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी का नया साल मनाने पर सख्त संदेश

जैसे-जैसे 2025 का अंत नजदीक आ रहा है, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुस्लिम युवाओं को नया साल मनाने से मना किया है। उन्होंने इसे शरीयत के खिलाफ बताते हुए कहा कि इस्लाम में नया साल मुहर्रम से शुरू होता है। मौलाना ने 31 दिसंबर की रात होने वाली पार्टियों को पैसे की बर्बादी और गलत गतिविधियों का कारण बताया। उनका यह संदेश मुस्लिम समुदाय में चर्चा का विषय बन गया है।
 

नए साल 2026 का स्वागत

नया साल 2026: जैसे-जैसे साल 2025 समाप्त हो रहा है, लोग नए साल 2026 का स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं। हर साल की तरह, 31 दिसंबर की रात को भारत के विभिन्न शहरों में पार्टियों का आयोजन किया जाएगा। इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुस्लिम युवाओं को नया साल न मनाने की सलाह दी है। उन्होंने इसे शरीयत के खिलाफ बताया है।


मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सोमवार को कहा, "शरीयत के अनुसार, नया साल मनाना मना है क्योंकि यह जनवरी में शुरू होता है, जबकि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नया साल मुहर्रम से शुरू होता है। पूरी दुनिया में 31 दिसंबर को नए साल के जश्न में पार्टियां होती हैं, जो पैसे की बर्बादी और अन्य गलत गतिविधियों का कारण बनती हैं। मैं मुस्लिम लड़कों और लड़कियों से अपील करता हूं कि वे नया साल न मनाएं, क्योंकि यह ईसाई संस्कृति का हिस्सा है और शरीयत के खिलाफ है।"



मौलाना बरेलवी ने कहा कि 31 दिसंबर की रात में फूहड़ता, हंगामा, शोर-शराबा, नाच-गाना और फिजूलखर्ची होती है, जो शरीयत में स्वीकार्य नहीं है। इसलिए मुस्लिम युवाओं से अनुरोध है कि वे नए साल का जश्न न मनाएं। उन्होंने यह भी कहा, "अगर कहीं से खबर मिली कि कुछ लड़के-लड़कियां जश्न मना रहे हैं, तो उलमा-ए-किराम सख्ती से रोकेंगे।"