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यमन की राजधानी सना पर इजरायली हमले में छह की मौत, 80 से अधिक घायल

यमन की राजधानी सना में इजरायली हवाई हमले के परिणामस्वरूप छह लोगों की मौत और 80 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हौथी विद्रोहियों ने इस हमले का आरोप इजरायल पर लगाया है, जबकि इजरायली रक्षा बलों ने इसे जवाबी कार्रवाई बताया है। हमले में इमारतों, बिजली संयंत्र और गैस स्टेशनों को निशाना बनाया गया। जानें इस हमले के पीछे की वजहें और क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बारे में।
 

सना पर इजरायली हमले का दावा

इजरायली हमले का असर: यमन की राजधानी सना में हौथी विद्रोहियों ने रविवार को इजरायली हवाई हमलों के परिणामस्वरूप कम से कम छह लोगों की मौत और 80 से अधिक लोगों के घायल होने का दावा किया है। हौथी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, घायलों में से कई की स्थिति गंभीर है।


हमले का निशाना

इमारतों पर हमला


हौथी सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि इजरायली सेना ने सना के मध्य क्षेत्र में एक इमारत को लक्ष्य बनाया। इसके अलावा, एक बिजली संयंत्र और गैस स्टेशन भी हमलों का शिकार बने। घटनास्थल से प्राप्त वीडियो और तस्वीरों में इमारतों से उठते काले धुएं और तेज धमाकों के बीच लोगों की चीखें सुनाई दे रही हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में ऊंची लपटों और विशाल आग के गोले को देखा जा सकता है।


इजरायल और हौथियों के बीच बढ़ता तनाव

यह हमला 7 अक्टूबर 2023 को गाजा युद्ध की शुरुआत के बाद से इजरायल और ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों के बीच हुई कई गोलीबारी की घटनाओं के बीच हुआ है। हाल ही में, हौथियों ने इजरायली क्षेत्र की ओर मिसाइल और ड्रोन दागे थे, जिसके जवाब में इजरायली रक्षा बलों ने सना पर हवाई हमले किए।


आईडीएफ का बयान

आईडीएफ की प्रतिक्रिया


इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि ये हमले हौथी विद्रोहियों द्वारा इजरायल और उसके नागरिकों पर लगातार हमलों के जवाब में किए गए हैं। उनके अनुसार, हौथियों ने हाल के दिनों में सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें और यूएवी इजरायल की ओर दागे थे। आईडीएफ ने यह भी दावा किया कि उन्होंने सना में हौथी शासन के सैन्य ढांचों को निशाना बनाया, जिसमें राष्ट्रपति भवन के पास स्थित एक सैन्य ठिकाना, असर और हिजाज़ बिजली संयंत्र तथा ईंधन भंडारण स्थल शामिल हैं।


सामाजिक तनाव में वृद्धि

इजरायली बलों का कहना है कि हौथी विद्रोही नागरिक ढांचों का उपयोग सैन्य गतिविधियों के लिए करते हैं। आईडीएफ ने स्पष्ट किया कि बिजली संयंत्रों पर हमले इसलिए किए गए ताकि सैन्य उद्देश्यों के लिए बिजली उत्पादन और आपूर्ति बाधित हो सके। बयान में कहा गया कि यह प्रमाण है कि हौथी शासन नागरिक संसाधनों का उपयोग युद्ध संबंधी गतिविधियों में करता है। इस हमले के बाद सना में तनाव और बढ़ गया है। हौथी विद्रोही इजरायल पर हमलों का आरोप लगा रहे हैं, जबकि इजरायली सेना इसे अपनी सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई का हिस्सा बता रही है।