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यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से आगरा में बाढ़ की स्थिति, ताजमहल पर खतरा नहीं

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से आगरा में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में ताजमहल के पास पानी की स्थिति दिखाई दे रही है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। हालांकि, स्थानीय इतिहासकारों का कहना है कि ताजमहल पर कोई खतरा नहीं है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

यमुना नदी का जलस्तर और बाढ़ की स्थिति

यमुना नदी का जलस्तर हाल के दिनों में अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच गया है, जिससे आगरा में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि नदी का पानी ताजमहल की बाहरी दीवारों तक पहुंच चुका है। यह दृश्य न केवल एक प्राकृतिक आपदा का संकेत है, बल्कि देश की सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी एक गंभीर खतरा बन गया है।


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में यमुना का तेज बहाव ताजमहल के आसपास के घाटों और संरचनाओं को प्रभावित करता दिख रहा है। दशहरा घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुका है, और नदी किनारे स्थित घरों में पानी भर जाने के कारण कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है।


हाल ही में उत्तर भारत के ऊपरी क्षेत्रों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुई भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन के अनुसार, जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर चुका है। यदि यह स्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो प्रशासन को नदी किनारे बसे क्षेत्रों को खाली कराने की आवश्यकता हो सकती है।


स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। अधिकारियों की एक टीम लगातार हालात पर नजर रख रही है। ताजमहल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।


स्थानीय इतिहासकार राज किशोर राजे का कहना है कि 2023 में भी यमुना का जलस्तर इसी ऊंचाई तक पहुंचा था, और ताजमहल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। उन्होंने बताया कि ताजमहल की नींव ऐसी स्थितियों को सहन करने के लिए डिज़ाइन की गई है, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्थिति पर नजर रखना आवश्यक है।