×

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा, स्थानीय लोगों की धार्मिक गतिविधियों पर असर

राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर फिर से बढ़ गया है, जिससे स्थानीय निवासियों की धार्मिक गतिविधियों पर असर पड़ा है। श्रद्धालुओं को पूजा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने स्थिति पर नजर रखने का आश्वासन दिया है, लेकिन स्थानीय लोग चिंतित हैं कि जलस्तर बढ़ने से उनका दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से स्थानीय जीवन प्रभावित

राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। नदी के किनारे निवास करने वाले स्थानीय निवासियों के अनुसार, पानी का स्तर इतना ऊँचा हो गया है कि इससे धार्मिक गतिविधियों और पूजा-पाठ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।



एक स्थानीय श्रद्धालु ने कहा, “पानी के बढ़ने के कारण हमें पूजा-अर्चना को स्थगित करना पड़ रहा है। पहले हम सीधे यमुना तट पर जाकर पूजा करते थे, लेकिन अब पानी चढ़ने के कारण हमें थोड़ी दूरी पर जाकर पूजा करनी पड़ रही है। पानी का स्तर बहुत अधिक नहीं बढ़ा है, लेकिन इतना जरूर बढ़ा है कि किनारे की जगह डूब गई है।”


हालांकि, बाढ़ नियंत्रण विभाग का कहना है कि जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन लगातार निगरानी की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यदि हरियाणा से और पानी छोड़ा गया, तो स्थिति में बदलाव आ सकता है।


इस बीच, यमुना किनारे रहने वाले लोगों ने चिंता व्यक्त की है कि जलस्तर बढ़ने से उनका दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। कई अस्थायी दुकानदारों और साधुओं ने पहले ही अपने टेंट और पूजा स्थलों को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है।


विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून के दौरान यमुना का जलस्तर असामान्य रूप से उतार-चढ़ाव करता रहता है, और प्रशासन को एहतियात बरतते हुए पहले से तैयारी रखनी चाहिए।