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यमुना प्राधिकरण ने जमीन खरीद प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव

यमुना प्राधिकरण ने जेवर क्षेत्र में जमीन खरीद प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब किसानों से सहमति के आधार पर 10 एकड़ के चंक में जमीन खरीदी जाएगी, जिससे विकास में तेजी आएगी। यह नई नीति न केवल विवादों को कम करेगी, बल्कि ढांचागत कार्यों को भी सुगम बनाएगी। जानें इस नई रणनीति के लाभ और भूखंडों की खरीद की विस्तृत जानकारी।
 

यमुना प्राधिकरण का नया कदम

Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण ने जेवर क्षेत्र में सेक्टरों के विकास को तेज करने के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। अब किसानों से सहमति के आधार पर जमीन खरीदने के लिए छोटे टुकड़ों के बजाय कम से कम 10 एकड़ के चंक बनाए जाएंगे।


रजिस्ट्री प्रक्रिया में बदलाव

चंक तैयार होने के बाद होगी रजिस्ट्री
प्राधिकरण तब तक जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू नहीं करेगा जब तक पूरा चंक (10 एकड़) तैयार नहीं हो जाता। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि जमीन की खरीद के साथ-साथ ढांचागत सुविधाओं का कार्य भी व्यवस्थित ढंग से हो सके। इसके अलावा भूखंडों का तेजी से आवंटन संभव हो।


पुरानी प्रक्रिया की समस्याएं

पुरानी प्रक्रिया में आती थी अड़चन
अब तक किसानों द्वारा व्यक्तिगत रूप से फाइल जमा कर जमीन बेचने की सहमति देने पर प्राधिकरण द्वारा रजिस्ट्री की जाती थी। इससे जमीन छोटे-छोटे टुकड़ों में खरीदी जाती थी। एक सेक्टर के संपूर्ण विकास में अड़चन आती थी। सड़कों, सीवर लाइनों, और पेयजल पाइपलाइनों जैसी बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह विकसित नहीं हो पाती थीं।


नई रणनीति के लाभ

नई रणनीति का लाभ
यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि अब चंक आधारित खरीद से जमीन विवाद रहित होगी और एकसाथ ढांचागत कार्य शुरू किए जा सकेंगे। इससे सेक्टरों का विकास तेजी से होगा और भूखंडों का आवंटन सुगम होगा।


भूखंडों की खरीद का विस्तार

26 गांवों की 3120 हेक्टेयर जमीन ली जानी है
यमुना प्राधिकरण वर्तमान में 11 नए सेक्टरों के विकास के लिए 3120 हेक्टेयर जमीन किसानों से आपसी सहमति के आधार पर खरीद रहा है। यह जमीन रबूपुरा, कलूपुरा, दस्तमपुर, दयौरार, भीकनपुर, भुन्नातगा, मुरादगढ़ी, थोरा, फाजिलपुर, आकलपुर सहित कई अन्य गांवों में है।