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यमुनानगर गैंगरेप: धोखाधड़ी और बंधक बनाकर महिला के साथ दुष्कर्म

यमुनानगर में एक महिला के साथ गैंगरेप की घटना ने हरियाणा में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोपियों ने उसे विदेश भेजने का झांसा देकर नशीला पदार्थ पिलाया और रातभर बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए पीड़िता को सुरक्षित किया है, लेकिन आरोपी फरार हैं। यह घटना समाज में महिलाओं की सुरक्षा और विश्वास के दुरुपयोग पर गंभीर चिंताओं को जन्म देती है। क्या सख्त कानून और जागरूकता ऐसी घटनाओं को रोकने में सक्षम हैं? जानें पूरी कहानी।
 

यमुनानगर गैंगरेप की भयावह घटना

यमुनानगर में हुई गैंगरेप की घटना ने हरियाणा को हिला कर रख दिया है। यहां एक महिला के साथ दो युवकों ने न केवल दुष्कर्म किया, बल्कि उसे रातभर बंधक भी रखा।


विदेश भेजने का झांसा

पीड़िता ने बताया कि उसे विदेश भेजने के बहाने फंसाया गया। आरोप है कि उसे नशीला पदार्थ दिया गया और अश्लील तस्वीरें खींचकर ब्लैकमेल किया गया। पुलिस ने महिला को सुरक्षित किया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।


गुरचरण उर्फ गगन का धोखा

गांधी नगर थाना क्षेत्र की निवासी महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि वह अपनी छोटी बेटी के साथ अकेली रहती है। 2024 में तलाक के बाद, वह एक बेहतर भविष्य की तलाश में थी। पड़ोसी गुरचरण उर्फ गगन ने उसे विदेश भेजने का लालच दिया।


नशीला पेय और गैंगरेप

गगन ने दावा किया कि वह लोगों को यूके भेजने का काम करता है और वीजा प्रक्रिया के लिए 19-20 लाख रुपये की मांग की। 10 जून को, गगन और उसके साथी जगप्रीत उर्फ जग्गी ने पीड़िता को मार्केट में बुलाया और उसे नशीला पेय पिलाया। इसके बाद, दोनों ने उसे एक होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया।


रातभर बंधक बनाकर अत्याचार

आरोपियों ने पीड़िता को एक अन्य होटल में बुलाकर फिर से दुष्कर्म किया और उसे पूरी रात बंधक रखा। उन्होंने उसकी अश्लील तस्वीरें बनाकर 5 लाख रुपये की मांग की। एक आरोपी ने खुद को डीएसपी का बेटा बताकर उसे डराया।


पुलिस की कार्रवाई

महिला ने हिम्मत दिखाते हुए डायल-112 पर कॉल किया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे होटल से छुड़ाया, लेकिन आरोपी भागने में सफल रहे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश जारी है।


समाज में सुरक्षा पर सवाल

यह घटना महिलाओं की सुरक्षा और विश्वास के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल उठाती है। क्या सख्त कानून और जागरूकता ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त हैं? यह हर नागरिक को सोचने पर मजबूर करता है।