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यमुनानगर में राइस मिलों में 75 करोड़ का गबन: आरोपी फरार

यमुनानगर में राइस मिलों में 75 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में पति-पत्नी फरार हो गए हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है, जबकि विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चौकीदारों को नियुक्त किया है। इस घोटाले में कई अधिकारियों की संलिप्तता की आशंका है। क्या यह मामला और भी गहराएगा? जानें पूरी कहानी में।
 

यमुनानगर में गबन का मामला

यमुनानगर: प्रतापनगर, छछरौली और रणजीतपुर की सात राइस मिलों में 75 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में पति-पत्नी फरार हो गए हैं। पुलिस अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है।


आरोपी राइस मिलर संदीप सिंगला और उनकी पत्नी रितिका सिंगला के अलावा उनके परिवार के अन्य सदस्यों के मोबाइल भी बंद हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी से बचने के लिए दंपति अग्रिम जमानत याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं।


हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने याचिका दायर की है या नहीं। सिंगला दंपति की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस को उन सवालों के जवाब मिल सकेंगे जो अभी तक अनसुलझे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या धान राइस मिल में गया था या नहीं।


फर्जी गेट पास का रहस्य

यमुनानगर में फर्जी गेट पास का बड़ा राज


यदि धान मंडियों से धान नहीं गया, तो फर्जी गेट पास के पीछे का बड़ा राज खुल सकता है। गिरफ्तारी के बाद ही यह भी स्पष्ट होगा कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और मार्केट कमेटी के कौन से अधिकारी इस गबन में शामिल हैं।


जब से यह धान घोटाला सामने आया है, जिले के कई अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। इससे पहले भी धान कुटाई में हेराफेरी होती रही है, लेकिन इस स्तर पर ऐसा कभी नहीं हुआ।


धान गबन में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर संदेह के घेरे में हैं, जिनकी ड्यूटी धान खरीद के दौरान अनाज मंडियों में थी। पुलिस जल्द ही विभाग के इंस्पेक्टरों से भी पूछताछ करेगी। चर्चा है कि कई अधिकारियों के गबन में शामिल होने की रिपोर्ट मुख्यालय तक पहुंच चुकी है।


जांच में विभाग की भूमिका

इसलिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक को खुद फील्ड में उतरकर संदीप सिंगला की राइस मिलों में रिकॉर्ड की जांच करनी पड़ी। स्थानीय अधिकारियों से जांच कराने पर मामले के दब जाने का संदेह था।


हालांकि, पुलिस की प्राथमिकता संदीप सिंगला और रितिका सिंगला को गिरफ्तार करना है। दंपति के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।


मनीष बंसल का बयान

विभाग ने पक्ष रखने का मौका नहीं दिया: मनीष बंसल


जिला राइस मिलर्स एंड डीलर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मनीष बंसल ने बताया कि राइस मिल की फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान विभाग ने राइस मिलर या एसोसिएशन के किसी पदाधिकारी को मौके पर नहीं बुलाया।


जांच के बाद संदीप सिंगला को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया, और तुरंत एफआईआर दर्ज कर दी गई। विभाग को नोटिस देना चाहिए था ताकि मिलर अपनी बात रख सके।


अनाज मंडियों से जब धान मिल में आता है, तो उसमें नमी अधिक होती है। इसलिए एक-दो प्रतिशत धान सूखने के बाद कम हो जाता है, लेकिन इतने बड़े स्तर पर धान कम नहीं हो सकता।


पुलिस की जांच जारी

प्रतापनगर थाना प्रभारी नर सिंह ने बताया कि पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है। राइस मिलर संदीप सिंगला और उनकी पत्नी अभी फरार हैं। दोनों की तलाश जारी है। इस मामले में विभाग के अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी।


चौकीदारों की नियुक्ति

विभाग ने राइस मिलों में बिठाए अपने चौकीदार


प्रतापनगर, छछरौली और रणजीतपुर में जिन राइस मिलों में धान का घोटाला हुआ है, वहां खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अपने चौकीदारों को नियुक्त कर दिया है। राइस मिलों में जो धान रखा हुआ है, उसकी निगरानी की जा रही है। जब से राइस मिलों का घोटाला सामने आया है, तब से संदीप सिंगला और उनके परिवार का कोई भी सदस्य राइस मिलों की तरफ नहीं गया है।