यश दयाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना
यश दयाल की जमानत याचिका पर कोर्ट का फैसला
जयपुर की विशेष POCSO अदालत ने यश दयाल की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। यह भारतीय क्रिकेटर, जो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं, ने 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को पहला IPL खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जस्टिस अलका बंसल ने 24 दिसंबर, 2025 को यह निर्णय सुनाया, जिसमें नाबालिग पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की गंभीरता को रेखांकित किया गया।
यह मामला जयपुर के सांगानेर सदर पुलिस थाने में दर्ज एक शिकायत से संबंधित है, जिसमें पीड़िता ने आरोप लगाया है कि दयाल ने उसके क्रिकेट सपनों का फायदा उठाया। उसने कहा कि गेंदबाज ने उसे खेल में आगे बढ़ने का लालच देकर बहकाया, इमोशनल ब्लैकमेल किया, और लगभग ढाई साल तक कई बार बिना सहमति के शारीरिक संबंध बनाए। ये घटनाएँ जयपुर और कानपुर के होटलों में हुईं। जांचकर्ताओं ने डिजिटल बातचीत, तस्वीरें, शिकायतकर्ता के डिवाइस से मिले वीडियो, टेलीफोन रिकॉर्ड और होटल बुकिंग के दस्तावेजों सहित कई संभावित सबूतों की पहचान की है। इन सबूतों की जांच प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (POCSO) एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत की जा रही है।
अपनी जमानत याचिका में, दयाल ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि ये उन्हें परेशान करने और आर्थिक लाभ उठाने के इरादे से प्रेरित हैं। उन्होंने खुद को एक समर्पित प्रोफेशनल एथलीट बताया और जांच में अधिकारियों को पूरा सहयोग देने की इच्छा जताई। उनके वकील, एडवोकेट कुणाल जैमन ने कहा कि शिकायतकर्ता के साथ सभी बातचीत सार्वजनिक स्थानों पर हुई थी। बचाव पक्ष ने यह भी तर्क किया कि शिकायतकर्ता ने खुद को बालिग बताया था और निजी समस्याओं के लिए पैसे की मांग की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक जबरन वसूली की योजना का हिस्सा है।
अभियोजन पक्ष की ओर से, पब्लिक एडवोकेट रचना मान ने कहा कि आरोपी ने क्रिकेट में झूठे करियर के अवसर देने का लालच देकर बार-बार शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कानून के तहत, खासकर POCSO मामलों में, नाबालिग की सहमति की कोई वैधता नहीं होती। यह मामला इस साल उत्तर प्रदेश में जन्मे दयाल के खिलाफ दूसरा गंभीर आरोप है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस थाने में जुलाई में दर्ज एक FIR में धोखे से यौन शोषण के आरोप शामिल थे, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इसके तुरंत बाद जयपुर में शिकायत दर्ज की गई, जिसमें शिकायतकर्ता के नाबालिग होने के कारण POCSO की कड़ी धाराएं लगाई गईं।
27 वर्षीय दयाल घरेलू और IPL क्रिकेट में एक प्रमुख चेहरा रहे हैं। 2025 सीज़न से पहले RCB ने उन्हें रिटेन किया था, और उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें महत्वपूर्ण स्पेल शामिल थे, जिन्होंने फ्रेंचाइजी को IPL ट्रॉफी जीतने में मदद की। अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद, जांच आगे बढ़ने पर दयाल को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें उत्तर प्रदेश ने घरेलू टूर्नामेंट के लिए नहीं चुना है और वह इस साल की शुरुआत में UP T20 लीग में भी नहीं थे। इससे यह सवाल उठता है कि IPL 2026 से पहले आरोपों की गंभीरता के बावजूद RCB ने इस विवादित क्रिकेटर को क्यों रिटेन किया।