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यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर रूस का ड्रोन हमला, सुरक्षा पर बढ़ा खतरा

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष में एक नया मोड़ आया है, जब रूस ने यूक्रेन के ज़ापोरिज़्ज़िया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर ड्रोन से हमला किया। इस हमले के बाद चारों ओर धुंआ फैल गया, जिससे परमाणु सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया है। एटॉमिक एनर्जी एजेंसी ने इस घटना की पुष्टि की है और हमले को गलत ठहराया है। जानें इस हमले के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
 

यूक्रेन-रूस युद्ध में नया मोड़

नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष ने एक बार फिर गंभीर मोड़ लिया है। यूक्रेन ने रूस पर ड्रोन हमले जारी रखे हैं, जबकि रविवार की सुबह रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला किया। इस हमले के परिणामस्वरूप न्यूक्लियर प्लांट के चारों ओर धुंआ फैल गया। यह जानकारी एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट में दी गई है। यह वही प्लांट है, जिस पर पहले से ही रूसी सेना का नियंत्रण है।


एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट

एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की टीम ने ज़ापोरिज़्ज़िया न्यूक्लियर पावर प्लांट में धमाकों की आवाज सुनी और धुएं के गुबार को भी देखा। हमले का स्थान न्यूक्लियर प्लांट के निकट था, जिससे परमाणु सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया है। टीम ने बताया कि रविवार सुबह न्यूक्लियर प्लांट पर गोलाबारी और ड्रोन हमले की आवाजें सुनी गईं। इस घटना के बाद, दोपहर में भी उसी दिशा से धुआं देखा गया, जिससे हमले की आशंका और बढ़ गई।


परमाणु सुरक्षा पर खतरा

खतरनाक साबित हो सकता है न्यूक्लियर प्लांट पर हमला

राफेल ने इस प्रकार के हमले को गलत ठहराया और कहा कि चाहे हमला किसी भी लक्ष्य पर हो, यह परमाणु सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने ऐसे हमलों से बचने की अपील की और कहा कि न्यूक्लियर दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए संयम बरतना आवश्यक है।

यह पहली बार नहीं है जब ज़ापोरिज़्ज़िया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला हुआ है; पिछले वर्ष भी इस पर ड्रोन हमला हुआ था। उस समय भी संयुक्त राष्ट्र ने संयम बरतने की अपील की थी। रूस ने इस हमले के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया, जबकि यूक्रेन ने इससे इनकार किया। यह न्यूक्लियर प्लांट वर्तमान में रूस के नियंत्रण में है, जिसे युद्ध के दौरान रूसी सैनिकों ने अपने कब्जे में लिया था। यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस पर विरोध जताता रहा है और रूस से इसे खाली करने की मांग करता रहा है।